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सगे मामा ने 10 वर्षीय बच्ची को बना दिया गर्भवती, रिपोर्ट देखकर डाक्टर के उड़े होश, कोर्ट भी हैरान अब क्या होगा!

Special Coverage News
19 July 2017 7:15 AM GMT
सगे मामा ने 10 वर्षीय बच्ची को बना दिया गर्भवती, रिपोर्ट देखकर डाक्टर के उड़े होश, कोर्ट भी हैरान अब क्या होगा!
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10 वर्षीय बच्चे के गर्भवती होने पर खुद डॉक्टर हक्के-बक्के रह गए

चंडीगढ़ की जिला अदालत ने मंगलवार (18 जुलाई, 2017) को अपने एक फैसले में 10 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की इजाजत देने से इंकार कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता को गर्भपात की इजाजत नहीं दी जा सकती है।


मिली खबर के अनुसार 10 वर्षीय बच्चे के साथ बलात्कार करने का आरोपी खुद उसका सगा मामा है। बच्ची के पिता एक सरकारी कर्मचारी है जबकि उसकी मां घरेलू कामकाज करती हैं। वहीं 10 वर्षीय बच्चे के गर्भवती होने पर खुद डॉक्टर हक्के-बक्के रह गए हैं। बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने इससे पहले कभी ऐसा मामला नहीं देखा, जिसमें इतनी कम उम्र में कोई बच्ची गर्भवती हुई हो। डॉक्टरों के अनुसार इस उम्र में बच्चे के शरीर का ठीक से विकास भी नहीं हो पाता, शरीर की हड्डिया विकसित होने की प्रक्रिया से गुजरती है। रेप पीड़िता मामले में डॉक्टरों ने कहा कि अगर बच्ची पूरी 9 महीने तक गर्भवती रहती है तो ये उसके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।


डॉक्टरों ने बच्ची की सामान्य डिलीवरी से भी इंकार कर दिया है। क्योंकि ऐसा करने पर बच्ची की जिंदगी को खतरा हो सकता है। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऑफ रिसर्च (पीजीआईएमईआर) की डॉक्टर रश्मि बग्गा ने कहा, 'मैंने पहले कभी दस की बच्ची को गर्भवती नहीं देखा।' इस दौरान उन्होंने बच्ची की नॉर्मल डिलीवरी के लिए असहमति जाहिर की। बता दें कि इससे पहले रोहतक में दस साल की बच्ची के गर्भवती होने का मामला सामने आया था। जोकि 18 से 22 महीने की गर्भवती थी। जिसके गर्भपात की इजाजत स्थानीय अदालत ने दे दी थी। इस दौरान भी विशेषज्ञों ने कहा कि दस साल की बच्ची द्वारा बच्चे को जन्म देना उसकी जिंदगी के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।


गर्वमेंट हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की गर्भवती होने का खुलासा तब हुआ जब पेट दर्द की शिकायत के बाद उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया था। हमने बच्ची के चिकित्सा संबंधी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी हैं। हालांकि हॉस्पिटल ने मामले में ज्यादा जानकारी देने से इंकार कर दिया है।

डॉक्टर उमेश जिंदल ने बताया कि उन्होंने जिंदगी में कभी इस तरह का मामला नहीं देखा। मैंने 13 साल की गर्भवती देखी है लेकिन ये पहला मामला है। अदालत अगर गर्भपात की कानून अनुमति देती तो इसे एक असाधारण मामला माना जाता है। हालांकि गर्भावस्था खत्म करना बेहतर है, लेकिन इसमें कुछ जटिलताएं हो सकती है।

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