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मुख्यमंत्री ने पंजाब की जेलों में हिंसा देख बैठक बुलाई

मुख्यमंत्री ने पंजाब की जेलों में हिंसा देख बैठक बुलाई
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चंडीगढ़ एच एम तिरखा व्यूरो चीफ पंजाब

गुरदासपुर केन्द्रीय जेल में घटित हिंसा को गंभीरता से लेते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा अगले सप्ताह पुलिस व गृह विभाग के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है जिसमें पिछले कुछ वर्षो दौरान जेलों में लगातार घटित हिंसा और मुठभेड़ की घटनाओं के मध्यनजर जेलों की सुरक्षा का जायजा लिया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने राज्य में जेलों की स्थिति का जायजा लेने के निर्देश देते हुये पिछले दस वर्षो के बादल सरकार के कुशासन दौरान जेल सिस्टम में आई गिरावट को खत्म करके बड़े सुधार लाने का वायदा किया। अगले सप्ताह होने वाली बैठक में सरकार द्वारा जेल सुधारों संबंधी उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा हाल ही में सौंपी गई रिपोर्ट की समीक्षा की जाए और पंजाब में जेल प्रशासन के ुसुधार के लिए कदम उठाए जाएगें।


मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने एक बयान द्वारा कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने गुरदासपुर जेल में स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने और जेल में फौरी तौर पर अमन कानून की स्थिति बहाल करने को यकीनी बनाने के लिए संबधित अधिकारियों को निर्देश जारी किये है। पंजाब की जेलों में घटित घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरदासपुर जेल में हिंसा पैदा होन के बाद वह पुुलिस, जेल विभाग और खुफिया विभाग के सीनियर अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है और स्थिति अब काबू में हैं।


मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार पिछली अकाली सरकार की इस खतरनाक विरासत को खत्म करने के लिए पूरे यत्न करेगी जिन्होने अपराधियों, माफिया और गुडों को बिना किसी डर से कानून अपने हाथ में लेने की छूट दी हुई थी। गुरदासपुर जेल घटना की प्रारभिंक रिपोर्ट में राज्य के गृह सचिव श्री एनएस कलसी ने बताया कि 24 व 25 मार्च की रात के बीच पुलिस दखलअंदाजी द्वारा स्थिति को सुलझा लिया है। रिपोर्ट अनुसार कई कत्ल केसों का सामना कर रहे गैगस्टरों ने डियूटी पर तीन जेल वार्डनों पर हमला करने के पश्चात एक बैरक के केैदियों को जेल स्टाफ के साथ टकराव के लिए भडक़ाया था।


ठुकराल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने डियूटी पर तैनात जेल स्टाफ द्वारा इस स्थिति काबू में रहने की प्रशंसा की जिससे किसी कैदी को नुकसान नही पहुंचा जबकि गुंडागर्दाे को अलग करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ी। उन्होने बताया कि इन गैगस्टरों विरूद्ध जेल स्टाफ पर हमला करने, दंगा करने, सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने और जेल नियमों की उंलघना करने के दोष में विभिंन धाराओं अधीन केस दर्ज किये गये है।


एक रिपोर्ट में गृह सचिव ने बताया कि यह घटना कई वर्षो से जेल प्रशासन को नजरअंदाज करने का परिणाम है। इन में जेल स्टाफ के स्वीकृत पदों में पचास प्रतिशत कमी, जेलों में निकम्मा प्रशासनिक ढांचा और आवश्यक साजो सामान की कमी है। रिपोर्ट अनुसार वर्ष 2011 से राज्य भर की विभिंन जेलों में हंगामा और हिंसा की दर्जन से अधिक घटनाएं घटित हो चुकी है।


इस रिपोर्ट में मार्डन जेल कपूरथला(2011), मार्डन जेल फरीदकोट (2013,2016,2016), केन्द्रीय जेल होशियारपुर, (2013) उच्च सुरक्षा जेल नाभा(2016) जिला जेल मानसा(2013), केन्द्रीय जेल बठिंडा(2010,2015,2016,2016) और जिला जेल बरनाला(2015,2015) में घटित घटनाएं दर्ज है। ठुकराल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अगले सप्ताह होने जा रही बैठक में इन सभी मामलों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।

शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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