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पंजाब पुलिस द्वारा प्रतिबंधित आंतकवादी सगंठन आईएसवाईएफ से जुड़े आतंकवादी गिरोह का पर्दाफाश

पंजाब पुलिस द्वारा प्रतिबंधित आंतकवादी सगंठन आईएसवाईएफ से जुड़े आतंकवादी गिरोह का पर्दाफाश
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‘सिख एवं पंथक विरोधियों’ को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे
चंडीगढ़, 4 जून एच एम तिर्खा
पंजाब पुलिस ने एक अन्य बड़ी सफलता प्राप्त करते हुये, शनिवार को तीन आंतकवादियों को गिरफतार करके आंतकवादी गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसका पाकिस्तान खूफिया एजेंसी आई एस आई का समर्थन हासिल प्रतिबंधित आंतकवादी संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फै डरेशन (आई एस वाई एफ) से सीधा संबंध था।

गिरफतार किये तीन आंतकवादियों गुरदयाल सिंह, जगरूप सिंह और सतविंदर सिंह को पाकिस्तान आधारित आई एस वाई एफ मुखी लखबीर रोडे और हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी उर्फ पी एच डी और आईएसआई ने प्रशिक्षण देकर आंतकवादी हमले करने तथा 'पंथ विरोधी और सिख विरोधी श1ितयों/व्यक्तियों' को निशाना बनाने का कार्य सौंपा गया था।

पंजाब पुलिस द्वारा की गई आरंभिक जांच के दौरान पता लगा है कि इस वर्ष की 21 मई को अमृतसर में अंतराष्ट्रीय सीमा के नज़दीक बी एस एफ द्वारा पकड़ी गई हथियार एवं गोली बारूद्ध की खेप आई एस वाई एफ द्वारा सप्लाई की गई थी। बी एस एफ द्वारा गत् माह मान सिंह और शेर सिंह नाम के दो आंतकवादी उस समय गिरफतार किये गये थे जब यह खेप हासिल करने क ा प्रयास कर रहे थे।

पंजाब पुलिस के एक प्रव1ता अनुसार गुरदयाल सिंह पुत्र मंहिगा सिंह रोड माजरा, थाना गढ़शंकर जिला होश्यिारपुर का निवासी है। जगरूप पुत्र अवतार सिंह और सतविंदर पुत्र गुरमेल सिंह निवासी चांदपुर रूडक़ी, थाना पेजोवाल, जिला शहीद भगत सिंह नगर के निवासी है। इन संदिग्ध व्य1ितयों से एक .32 बोर पिस्ताल, उसका एक मैगजीन एवं कारतूस तथा एक .38 बोर रिवाल्वर, 7 कारतूस सहित प्राप्त हुये हैं।

गुरदयाल एवं जगरूप को उनके के पैतृक घरों से गिरफतार किया गया है जबकि सतविंदर को बलाचौर सब-डिवीज़न के पैाजेवाल पुलिस थाने में उसके गांव के समीप लग नाके से गिरफतार किया गया है।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि गुरदयाल सिंह इस आंतकवादी गिरोह का मुखी था और जर्मन के बलबीर सिंह संघू ने लखबीर सिंह रोडे से उसकी मुलाकात करवाई थी। रोड़े इस समय लाहौर के छावनी क्षेत्र में आई एस आई द्वारा मुहैया करवाये गये सुरक्षित घर में रह रहा है। गुरदयाल गत् 6-7 वर्षो से धार्मिक जत्थों के साथ पाकिस्तान की यात्रा करते समय कई बार रोडे को मिला था।

गुरदयाल सिंह ने नवंबर, 2016 के अपने अंतिम पाकिस्तानी दौरे दौरान जगरूप सिंह के लिये वीजे का प्रबंध किया था और वह एक जत्थे के साथ लाहौर गया था। पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि उनकी 12 से 21 नवंबर, 2016 तक लाहौर में ठहरने के दौरान बलबीर सिंह द्वारा जगरूप ने रोडे एवं हरमीत से मुलाकात की थी।

जगरूप ने यह प्रगटावा भी किया कि उसको आई एस वाई एफ के मुखी द्वारा आखें बांधकर अज्ञात जगह पर ले जाया गया और उसने आई एस आई से चार दिन का प्रशिक्षण कोर्स प्राप्त किया जोकि एके-47 राईफल और छोटे हथियार चलाने से संबंधित था। उसने रेलवे ट्रैकों की प्लेटें, नट बोल्ट को ढीला करके ट्रैक को साबोटाज करने का प्रशिक्षण भी हासिल किया।

प्रवकता ने आगे बताया कि गुरदयाल एवं जगरूप दोनो को भारत में आंतकवादी हमला करने का कार्य सौंपा गया था और उनको 'पंथ विरोधी और सिख विरोधी श1ितयों/व्यक्तियों' को निशाना बनाने के लिये भी प्रेरित किया गया था। लखबीर रोडे एवं उसके साथियों ने सीमा पार हथियार एवं गोला-बारूद मुहैया करवाने का भी वायदा किया था। पूछताछ के दौरान इन संदिग्धों ने यह प्रगटावा भी किया कि पाकिस्तान के दौरे के दौरान गुरदयाल लगातार बलबीर के संपर्क में था जो मूल रूप में गांव पद्दी सूरत सिंह, थाना माहिलपुर, जिला होश्यिारपुर से संबंधित है। गुरदयाल जम्मू कशमीर के कुछ आंतकवादी ग्रुपों से भी संपर्क में था।


प्रवक्ता ने आगे बताया कि सतविंदर भी इस ग्रुप का सक्रिय सदस्य था और वह जगरूप के साथ अपने पाकिस्तान एवं जर्मन आधारित अकाओं से सीधे संपर्क में था। गुरदयाल एवं बलबीर दोनो की पृष्ठ भूमि आंतकवाद से संबंधित थी। वर्ष 1992 और वर्ष 1988 में भी उनके विरूद्ध फौजदारी केस दर्ज किये गये थे। वर्ष 1992 में गुरदयाल से थंपसन गन बरामद की गई थी। प्रव1ता अनुसार शहीद भगत सिंह नगर की जिला पुलिस ने प1की गुप्त सूचना मिलने के बाद इन आंतकवादियों को गिरफतार किया इनके विरूद्ध आई पी सी अधीन जेरे दफा 121, 121 ए, 120 बी और आर्मज़ ए1ट की धारा 25,54 और 59 तथा गैर कानूनी सरगर्मीयां ए1ट की धारांए 15, 16, 17 एवं 18 के अधीन एफ आई आर नंबर 28 दर्ज की गई है और अधिक जांच जारी है।
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