- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
जैन मुनि को मुखाग्नि देने के लिए गुजरात के कारोबारी ने लगाई 33 करोड़ की बोली
Arun Mishra
20 April 2017 1:22 PM GMT
x
जयपुर : जैनियों के धर्मगुरु जयंतसेन सुरीशवरजी महाराजसाहेब अंत्येष्टि के लिए 33.5 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई है। राजस्थान के भांडवपुर के एक गांव में 81 वर्षीय जैन मुनि का सोमवार को निधन हो गया था। उनके अंत्येष्टि कार्यक्रम के लिए जालोर में 50,000 जैन धर्म के लोग एकत्र हुए। यहां अत्येष्टि के लिए बोली लगाए जाने की प्रथा है।
खास बात यह है कि इसके लिए एक बड़े बिजनेस घराने ने 33.5 करोड़ रुपयों की बोली लगाई। अंत्येष्टि कार्यक्रम में जैन मुनि को आखिरी बार नहलाने, चंदन लगाने, पार्थिव शरीर को शॉल से ढकने के लिए भी करोड़ों की बोलियां लगाई गईं।
बता दें कि जैन मुनि के अंत्येष्टि कार्यक्रम के लिए बोली लगाए जाने की प्रथा करीब 450 वर्ष पुरानी है और इस प्रथा को घी बोलो कहा जाता है। इन पैसों का इस्तेमाल जैन धर्म के प्रचार-प्रसार को फैलाने के लिए किया जाता हैं। इन पैसों से जैन मंदिरों को बनाने के साथ-साथ सामाजिक कामों को करने के लिए भी किया जाता है।
Next Story