- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी की बढ़ सकती है मुश्किलें, अब सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
Special Coverage News
5 July 2017 9:00 AM GMT
x
चेन्नई : तमिलनाडु में शशिकला के करीबी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी की मुश्किलें बढ़ सकती है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के विश्वासमत हासिल करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट इसकी वैधानिकता पर सुनवाई करेगा।
अब इस पुरे मामले में सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि विश्वासमत वैध था या नहीं। इसके लिए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से मदद मांगी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई को करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
आपको बता दें कि 234 सदस्यों की तमिलनाडु विधानसभा में हंगामें के बीच शशिकला के करीबी और मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने 11 के मुकाबले 122 मतों से विश्वास मत हासिल की थी। उनके पक्ष में 122 विधायकों के वोट पड़े जबकि उनके खिलाफ ग्यारह वोट डाले गए। विपक्षी दलों ने विश्वास मत के दौरान विधानसभा में अफरातफरी की शिकायत करते हुए वाकआउट किया था।
गौरतलब है कि विश्वासमत से पहले 122 विधायकों को कई दिनों तक एक रिसार्ट में रखा गया था। जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर फरवरी में हुए मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी के विश्वासमत को चुनौती दी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम की ओर से सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि विश्वासमत के दौरान सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। विधायकों को बंधक बना लिया गया था और इसके लिए उन पर दबाव बनाया गया। उन्होंने कोर्ट में कहा विश्वासमत को दोबारा से कराया जाना चाहिए और इसके लिए सीक्रेट बैलेट से वोटिंग होनी चाहिए।
Next Story