- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
तेलंगाना में सबसे बड़ा जमीन घोटाला, स्कैम में फंसी गूगल और माइक्रोसॉफ्ट
Kamlesh Kapar
26 Jun 2017 12:42 PM GMT
x
तेलंगाना में अब तक का सबसे बड़ा जमीन घोटाला का पर्दाफाश हुआ है। राजधानी हैदराबाद में हुए 15 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में देशी-विदेशी कई कंपनियों पर तलवार लटक रही है।
हैदराबाद: 2014 में आंध्र प्रदेश से कटकर बने नए राज्य तेलंगाना में अब तक का सबसे बड़ा जमीन घोटाला का पर्दाफाश हुआ है। राजधानी हैदराबाद में हुए 15 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में देशी-विदेशी कई कंपनियों पर तलवार लटक रही है। माना जा रहा है कि इसमें करीब 100 एकड़ जमीन की बंदरबांट हुई है। विपक्षी दल इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग कर रहे हैं। विपक्ष के दबाव में सरकार ने इस संदिग्ध डील को रद्द करने की घोषणा कर दी है।
जानकारी के अनुसार इस घोटाले को सबसे पहले विपक्ष ने उजागर किया था, जिसके बाद सरकार ने जांच बैठा दी थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार ने घोटाले से जुड़े सभी व्यक्तियों के खिलाफ कोर्ट में मामला चलाने की सहमति भी दे दी है। जिन कंपनियों ने फर्जी तरीके से जमीन खरीदी थीं, उनमें गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के अलावा टिशमैन स्पैयर, शपूरजी पॉलनजी, डी.एल.एफ., लैंको, पूर्वांकारा और माई होम ग्रुप भी शामिल हैं।
हैदराबाद में निजी जमीनों के अलावा सरकारी जमीन का किसी तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। इससे घोटाला करने वाले लोग एक ही जमीन के टुकड़े को कई लोगों को बेच देते है। आरोप है कि भू माफियाओं ने जमीन रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों से मिलकर हैदराबाद के मियांपुर और सटे हुए इलाकों में करीब 100 एकड़ जमीन की बंदरबांट कर अवैध रूप से रजिस्ट्री करा ली है।
Next Story