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यहां होती है औरतों की खरीद फरोख्त, सच्चाई पढ़कर दंग रह जाएंगे!

Special Coverage News
8 July 2017 8:00 AM GMT
यहां होती है औरतों की खरीद फरोख्त, सच्चाई पढ़कर दंग रह जाएंगे!
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यहां अपना वंश बढ़ाने के लिए छतीसगढ़, मध्य प्रदेश और तमाम आदिवासी इलाकों से लड़कियां या औरतें खरीदकर लाई जा रही हैं। फिर उनसे मंदिर या कोर्ट में जबरन शादी कर अपनी पत्नी बनाकर रखा जा रहा है।
बुन्देलखण्ड बदहाल है। क्योकि यहाँ गरीबी है, भुखमरी है और बेरोजगारी है। पेट की आग बुझाने के लिए घरों में अनाज नही है। पीने के लिए पानी नहीं है और अब हालत यह है कि यहां बेटियां नही है। इसी बजह से बुन्देलखण्ड औरतों की खरीद फरोख्त की बड़ी मंडी के तौर पर उभर रहा है। यहाँ अपना वंश बढ़ाने के लिए छतीसगढ़, मध्य प्रदेश और तमाम आदिवासी इलाकों से लड़कियां या औरतें खरीदकर लाई जा रही हैं। फिर उनसे मंदिर या कोर्ट में जबरन शादी कर अपनी पत्नी बनाकर रखा जा रहा है।


काजल



हाथों में मेहदी लगाये और लाल साड़ी के जोड़े को पहने बैठी यह वो काजल है। जिसको गरीबी के चलते इसकी सगी बहन और उसके पति ने महज 9 हजार रुपए में बेच दिया है। और आज उसके खरीददार से उसकी शादी हो रही है। भले ही उसका होने वाला पति एक आँख से विकलांग है लेकिन फिर भी काजल बिक कर खरीददार की बीवी बन कर खुश है। इसे अपने बिकने का कोई दुःख नहीं है और वह खुशी - खुशी अपने खरीददार की बीबी बन कर रहने को तैयार है। इसे उम्मीद है कि इसका खरीददार कम से कम इसे दो वक्त रोटियां तो देगा।

पढ़ें - कहां का है मामला?
मामला हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के बाक गाँव का है। जहाँ रहने वाले दीन दयाल अहिरवार पिछले कई सालों से अपने बेटे सुरेश की शादी को लेकर परेशान थे। लडके की एक आँख ख़राब होने और बेरोजगारी के चलते कोई भी बाप अपनी बेटी का रिश्ता नही कर रहा था। अपने इकलौते बेटे से अपना वंश आंगे बढाने के लिए उन्होंने गाजीपुर निवासी पप्पू रैदास की बेटी काजल से आज मदिर में शादी करवा दी। इस शादी के लिए काजल को उनके दिल्ली में रहकर मेहनत और मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे उसके जीजा रामसहाय और उसकी बहन ममता से 9 हजार रुँपये में खरीदा है। बगैर किसी लडकी पक्ष के लोगों के वावजूद हो रही यह शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गयी है।


उत्तर प्रदेश का बुन्देलखण्ड इलाका हमेशा से बदहाल रहा है। यहाँ गरीबी और भुखमरी का काला साया हमेशा से ही मंडलाता रहा है, इसी वजह से यहाँ गरीब लोगों की शादियाँ नहीं हो पाती है। बेटियों के पिता भी यहाँ अपनी बेटियों की शादी की बजाय दूसरे इलाको में अपनी बेटियों का रिश्ता करते हैं। इसी कारण यहाँ कुवांरे युवकों की फौज जमा होती जा रही है।

शादी न हो पाने से परेशान युवक छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र से अपने से गरीब परिवार की लड़कियां चंद हज़ार रूपये में खरीद कर लाते हैं और पति पत्नी की तरह रह कर बच्चे पैदा कर अपना वंश आगे बढा रहे हैं। इस तरह इस इलाके सैकड़ों औरतें खरीदकर लाई जा रही हैं।

हुमन ट्रैफिकिंग की इस घटना में मीडिया की दखल के बाद जागी पुलिस अब इस पूरे मामले की जाँच कर कार्यवाही की बात कर रही है। लेकिन काजल जैसी न जाने कितनी लड़कियां यहाँ बेची और खरीदी जा रही है। महिलाओ की इस खरीद फ़रोख्त में लगाम कैसे लगेगी इसका जबाब किसी के पास नही है।

बुन्देलखंड में फैली गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी के चलते अब यहाँ रोजाना ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले समाने आ रहे हैं। कभी लोग पैसे ना होने के कारण अपनी बेटियों को बेच रहे हैं तो कभी खरीद रहे है। जब अपने इलाके में शादी नहीं हो पाती तो यहाँ के युवा उडीसा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से अपने लिए बीबियाँ खरीद कर ला रहे हैं और अपना वंश आगे बढा रहे हैं और यह औरतें भी यहाँ आ कर खुशी-खुशी अपने खरीददार पतियों के साथ रह कर उनके घरों को संभाल रही हैं।
रिपोर्ट : शिवशाक्ति सैनी
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