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भगवान राम की नगरी अयोध्या विश्व धरोहर में शामिल हो सकती है और इसकी मुहिम भी शुरू हो चुकी है..
नई दिल्ली : आने वाले दिनों में भगवान राम की नगरी अयोध्या विश्व धरोहर में शामिल हो सकती है और इसकी मुहिम भी शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के लिए यूनेस्को ने जो दस मानक निर्धारित किए है उसपर अयोध्या पूरी तरह से खरा उतरता है। इस मुहिम में जुटे शिक्षाविदों की मानें तो किसी नगर को विश्व धरोहर नगरी घोषित करने के लिए यूनेस्को द्वारा जो दस मानक निर्धारित हैं, रामनगरी अयोध्या उन पर तकरीबन खरी उतरती है। जमीनी सर्वेक्षण के बाद यह टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि रामनगरी में वह सारी संभावनाएं निहित हैं, जिसके चलते वह वर्ल्ड हेरिटेज सिटी बन सकती है।
यह सर्वेक्षण अंतिम दौर में है। मिसाल के तौर पर कनकभवन, हनुमानगढ़ी और बाल्मीकि रामायणभवन जैसे मंदिर हैं। यह मानक सप्तहरियों के पौराणिक मंदिरों से भी परिपूर्ण होता है। पौराणिक परंपरा के अनुसार लाखों वर्ष पूर्व महाराज मनु के समय से ही नगरी की ऐतिहासिकता प्रवाहमान है और यदि आधुनिक इतिहास की दृष्टि से देखें, तो भी नगरी की प्राचीनता नौवीं शताब्दी ईसापूर्व से प्रमाणित है।
सरयू के जमथरा तट से लेकर संत तुलसीदासघाट तट तक सर्वे के दौरान सेटेलाइट से अयोध्या का जो भूदृश्य प्राप्त हुआ, वह नौका की शक्ल में है और यह चित्र अयोध्या के संस्थापक माने जाने वाले मनु की उस परंपरा को जीवंत करता है, जिसमें पुराण बताते हैं कि जल प्रलय के दौरान मनु नौका से अयोध्या के तट पर पहुंचे थे।
प्रदेश सरकार के हवाले होगी सर्वे की रिपोर्ट:
वर्ल्ड हेरिटेज के लिए सर्वे अंतिम दौर में है। इसकी रिपोर्ट तकरीबन 400 पृष्ठों में संयोजित हो रही है और इस सर्वे की समरी शीघ्र ही प्रदेश सरकार के हवाले होने को है।
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