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मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी मुख्यमंत्री का पद संभालते ही गाजियाबाद में मानसरोवर भवन का निर्माण करने का ऐलान किया था और वह इसी ३१ अगस्त को भवन की आधारशिला भी रखेंगे। इसकी मांग गाजियाबाद केे हिंदू संगठनों ने गाजियाबाद में हज हाउस केेनिर्माण के विरोध के तौर पर की थी जिसे मुख्यमंत्री ने खुशी खुशी से स्वीकार कर लिया था।
इसमें मजे की बात यह है कि हज हाउस का निर्माण समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री आजम खां की कोशिशों से हुआ था। हज हाउस निर्माण केेलिए डूब क्षेत्र व हिंडन नदी केेकिनारे की जमीन को उपयोग में लाया गया था जिस पर बहुत से संगठनों ने एनजीटी मेें मुकदमा किया था तथा इससे हिंडन नदी एवं जल संपदा को नुकसान की बात कही थी। गाजियाबाद के एक एक्टिविस्ट सुशील राघव की रिट पर सुनवाई करते हुए जल मगन भूमि में अनाधिकत निर्माण व अतिक्रमण पर रोक लगाई थी। जब गाजियाबाद में हज हाउस का निर्माण हुआ था उस समय भी कई लोगों ने इसका विरोध किया था लेकिन इस डूब क्षेत्र में हज हाउस बनाने केेपीछे क्या मंशा थी आज तक समझ से परे हैं।
अब भाजपा की सरकार भी हज हाउस की तरह हिंदू समुदाय को खुश करने के लिए मानसरोवर भवन का निर्माण करना चाहती है। अब फिर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। विरोध में फिर वही बातें उठ रही हैं एक झील को खत्म करके मानसरोवर भवन को बनाने की क्या आवश्यकता है। सरकार केे पास नोएडा और गाजियाबाद में बहुत अच्छी अच्छी जगह मौजूद हैं लेकिन सरकार हज हाउस वाली गलती क्यों दोहरा रही है।
राष्टï्रीय किसान ब्रिगेड केे अध्यक्ष ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र
राष्टï्रीय किसान ब्रिगेड केे अध्यक्ष हाजी आरिफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर झील को खत्म करके मानसरोवर भवन बनाने में मुख्यमंत्री केेखिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। हाजी आरिफ ने अपने पत्र में लिखा है कि एनजीटी का उल्लंघन कर झील को खत्म कर मानसरोवर भवन का निर्माण करना एनजीटी का उल्लंघन है। हाजी आरिफ ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि इस मामले में वह हस्तक्षेप कर इस निर्माण को रोकें तथा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ पर मुकदमा दर्ज किया जाए।