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इधर उधर की न बात कर, यह बता कि कारवां क्यूँ लुटा? - अखिलेश यादव

इधर उधर की न बात कर, यह बता कि कारवां क्यूँ लुटा? - अखिलेश यादव
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Do not talk about it here, tell me why the caravan looted? - Akhilesh Yadav
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज धैर्य पूर्वक देर तक समाजवादी पार्टी कार्यालय में आये सैकड़ों लोगों की बातें सुनी। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह अमानवीय हो चली है। चैतरफा अपनी विफलताओं से घिरी भाजपा सरकार अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए तरह-तरह की बहानेबाजी करने में जुटी है। मुख्यमंत्री स्वयं अपनी सरकार के बचाव में उतर आए है। अपनी गलतियां स्वीकार करने के बजाय वे मीडिया पर ही दोश मढ़ने लगे हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। एक मंत्री जी का आंकड़े देकर यह कहना कि अगस्त माह में तो अधिक मौते होती है, संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार की जांच की बात महज नौटंकी साबित होगी क्योंकि बच्चों की मौत के कारणों पर पहले से ही राज्य सरकार के मंत्री और अधिकारी राजनीति करने लगे हैं। राजनीतिक दुर्भावना की भी सीमा होनी चाहिये, गोरखपुर में हेल्थ इनफार्मेशन सिस्टम का भुगतान रोककर यह सरकार क्या साबित करना चाहती है? श्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार को अपने नौनिहालों को खोने वाले पीड़ित परिवारों को 20-20 लाख रूपए की मदद देनी चाहिए और बीमारी से जूझ रहे बच्चों को बेहतर इलाज मिलना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज सैकड़ों की संख्या में इलाहाबाद, फैजाबाद सहित कई अन्य जनपदों से आए सैकड़ों लोगों ने भेंट की। उनमें भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर बहुत आक्रोश था और उनका कहना था कि लोग अब महसूस करने लगे हैं कि उनसे गलती हुई। अखिलेश जी के मुख्यमंत्री रहते लोग सुकून से थे। भाजपा ने बहकाकर वोट लूट लिए हैं।
लोगों में गोरखपुर के मेडिकल कालेज में दर्जनों बच्चों की मौत को लेकर काफी क्षोभ था। इस संवेदनशील मुद्दे से वे सभी आहत थे। इनका यह भी कहना था कि भाजपा सरकार विरोधियों को परेशान करने और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगी है। विपक्ष और मीडिया पर दबाव बनाकर लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिष में भाजपा नेतृत्व लगा है। जनता को न इलाज मिल रहा है और नहीं दवा।
यह बात भी सामने आई कि अखिलेश यादव ने जो स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत की थी उसके पूरे ढांचे को बर्बाद करने का काम भाजपा ने किया है। समाजवादी सरकार ने जो 102 एवं 108 एम्बूलेंस सेवाएं उपलब्ध कराई थी उनसे 'समाजवादी' शब्द हटाकर भाजपा सरकार अपनी उपलब्धि समझने लगी हैं। जनहित के तमाम काम बंद कर दिए गए हैं। भाजपा का विकास विरोधी रवैया जग जाहिर हो गया है।
भाजपा सरकार पर यह शेर मौंजूद है- इधर उधर की न बात कर, यह बता कि कारवां क्यंू लुटा? जनता को रहजनों से गरज नहीं, भाजपा की रहबरी का सवाल है?
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