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कभी मुलायम के सबसे खास गनर रहे थे, अब योगी ने बनाया कैविनेट मंत्री!

कभी मुलायम के सबसे खास गनर रहे थे, अब योगी ने बनाया कैविनेट मंत्री!
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लखनऊ: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व वाली कैबिनेट के मंत्री आज अपना विभाग संभालेंगे। योगी केबिनेट में एक ऐसे मंत्री भी हैं जो कभी सपा सरकार में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा गार्ड रहे हैं। अव योगी के शासनकाल में बघेल पशुधन, लघु सिंचाई और मत्स्य विभाग के मंत्री हैं। मोदी के मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल एक वक्त सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा गार्ड रहे हैं।


मुलायम ने उनकी क्षमता को देखते हुए 1998 में पहली बार ससंदीय चुनाव में उतारा था लेकिन बाद में उनकी मुलायम से उनकी अनबन हो गई थी। योगी के इस फैसले से बघेल के पैतृक ग्राम उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के भटपुरा में खुशी का माहौल है।एसपी सिंह बघेल का जन्म औरैया में हुआ। सत्यपाल सिंह बघेल राजनीति में एसपी सिंह बघेल के नाम से लोकप्रिय है। इनके पिता रामभरोसे सिंह मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात थे। इसी वजह से इनके सभी भाई बहनों की पैदाइश मध्य प्रदेश में ही हुई है। सत्यपाल सबसे छोटे पुत्र है। इनकी पैदाइश मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित यशवंतराव होल्कर अस्पताल में हुई। पिता रामभरोसे खरगौन से रिटायर हुए। इसलिए प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा सभी मध्यप्रदेश में ही हुई।


उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में सब इंस्पेक्टर के तौर पर भर्ती होने के बाद सत्यपाल को पहली अहम जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का सुरक्षागार्ड बनने की मिली।1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बादबघेल मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा चक्र में शामिल हो गए लेकिन अपनी निडरता, मेहनत और ईमानदारी के बल पर उन्होंने मुलायम सिंह यादव का भी दिल जीत लिया। मुलायम सिंह यादव ने उनको जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर 1998 में पहली बार उतारा और वह जीते। उसके बाद दो बार सांसद चुने गए। बघेल को उनकी मेहनत और ईमानदारी का फल मिला।


उनके बहनोई पूर्व विधायक इंद्रपाल सिंह का कहना है कि बधेल शुरुआत से कुछ कर गुजरना चाहते थे इसलिए योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री जैसा अहम ओहदा उन्हें मिला।2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा। साथ ही राष्ट्रीयमहासचिव की जिम्मेदारी भी दी। 2014 में फिरोजाबाद लोकसभा से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के सामने चुनाव लड़े। हालांकि वह यह चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा ने उन्हें पिछड़ा वर्ग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया और इस बार वह टूंडला सुरक्षित सीट से भाजपा विधायक बने। प्रोफेसर बघेल पिछड़ा वर्ग का चेहरा हैं और उनकी इस वर्ग पर पकड़ भी है।


जलेसर लोकसभा क्षेत्र से तीन बार सपा सांसद रहे प्रो बघेल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा में शामिल हो गए थे। चुनाव में अखिलेश यादव और डिंपल यादव के खिलाफ दम दिखाने पर बसपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। प्रो बघेल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए। उस समय वह बसपा से राज्यसभा सदस्य थे और दो साल का उनका कार्यकाल शेष था। भाजपा और संघ के बड़े बङ़े नेताओं से बघेल की नजदीकी बढ़ती गई। विधानसभा चुनाव आने पर आगरा और अलीगढ़ मंडल में बघेलों के साथ-साथ निषाद, लोधे और कुशवाह वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने टूंडला सीट से बघेल को विधानसभा चुनाव लड़ाया। बघेल मुख्यत पिछड़ा वर्ग से आते हैं लेकिन बघेल की उपजाति गड़रिया धनगर अनुसूचित जाति में शामिल है।पिछड़ा वर्ग का चेहरा होने के बाद भी अनुसूचित जाति के उनके प्रमाणपत्र ने चुनाव में तुरुप के पत्ते का काम किया।


हालांकि उनके प्रमाणपत्र पर काफी हंगामा भी हुआ। शिकायतें भी हुईं लेकिन पत्रावलियां उनके पक्ष में थीं। लिहाजा बघेल सुरक्षित सीट पर चुनाव लड़े और जीत गए। बघेल को भाजपा ने स्टार प्रचारक बनाया और जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई। चुनाव में बघेलों के गढ़ में चुनावी सभाकराने के लिए बघेल को पार्टी ने हेलिकॉप्टर भी मुहैया कराया। फिरोजाबाद जिले की पांच सीटों के साथ-साथ आगरा की सीटों और अलीगढ़ मंडल की सीटों पर भी बघेल के प्रभाव का पार्टी ने आंकलन किया। बघेल को पहले चरण में मंत्रिमंडल में स्थान देकर उन्हें मेहनत का तोहफा दिया गया है।

शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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