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सहारनपुर हिंसा योगी सरकार पर सबसे बड़ा धब्बा, एक माह में पांच बार बबाल- सपा

सहारनपुर हिंसा योगी सरकार पर सबसे बड़ा धब्बा, एक माह में पांच बार बबाल- सपा
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भाजपा सरकार के 60 दिनो में ही दलितों का सर्वाधिक उत्पीड़न
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने यूपी के सहारनपुर में हुई हिंसा को लेकर सूबे की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. सहारनपुर हिंसा को योगी सरकार पर सबसे बड़ा धब्बा करार देते हुए एसपी ने कहा कि आत्मसम्मान के साथ जीने से वंचित दलित समाज को अब पलायन और धर्म परिवर्तन के लिये भी मजबूर होना पड़ रहा है.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि सहारनपुर कांड बीजेपी सरकार पर सबसे बड़ा काला धब्बा है. आजादी के 70 सालों के दौरान दलित आत्म सम्मान के साथ जीने से वंचित हैं और अब उन्हें पलायन तथा धर्म परिवर्तन के लिए भी विवश होना पड़ रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र में हिंसा पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. तलवार और दूसरे घातक शस्त्रों का इस्तेमाल हो रहा है. परिवार दहशत में है. कम से कम सहारनपुर में तो पूरी प्रशासनिक व्यवस्था विफल हो गयी है. यह स्थिति लोकतंत्र एवं धर्मनिरपेक्षता के लिए भी खतरा है. यह खतरा तब और भी बढ़ जाता है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गर्व से कहते हैं कि प्रदेश में विपक्ष का वजूद नहीं बचा है.


सहारनपुर हमलों की स्वतंत्र जांच करायी जाए: कांग्रेस

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर दलितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सहारनपुर हमलों की स्वतंत्र जांच कराने तथा जिले के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करने की मांग की. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सहारनपुर के हमले कुछ वर्गों की मानसिकता का परिणाम हैं जो यह सोचते हैं कि उन्हें उपद्रव करने, दलितों का उत्पीड़न और अत्याचार करने और मारने का अधिकार मिल गया है क्योंकि मुख्यमंत्री उनको संरक्षण देंगे और उनके खिलाफ कानून कार्रवाई नहीं करेगा.

अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख के राजू ने कहा, ''यह बहुत ही दुखद स्थिति है. यह यूपी में कानून एवं व्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है. यह उत्तर प्रदेश के विकास के लिए अच्छा नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''जब समाज का कोई वर्ग यह समझता है कि वह हत्या कर बच सकता है तथा कमजोर वर्ग, दलित यह महसूस करने लगते हैं कि उन्हें सरकार की ओर से कोई संरक्षण नहीं मिलेगा.'' उन्होंने कहा कि सहारनपुर में यही हो रहा है.



सीपीआई (एम) ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर 'जानलेवा' हमलों की घटना की निंदा करते हुए आज राज्य सरकार से समुदाय के सदस्यों के साथ कथित तौर पर मारपीट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.

वाम दल ने योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली राज्य सरकार पर हिंसा को 'अंजाम देने वाले' सवर्णों की मदद करने का आरोप लगाया और सहारनपुर में कानून के शासन को सुनिश्चित करने के लिए 'पक्षपातपूर्ण' नीति छोड़ने की मांग की. जिले में पिछले महीने से वर्ग संघर्ष की घटनाएं देखने को मिल रही हैं.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ''स्थिति पूरी तरह बिगड़ रही है और पुलिस के सामने दलितों पर अत्याचार हो रहा है. यह पूरी तरह शासन के अभाव का मामला है.'' माकपा पोलितब्यूरो ने बयान जारी कर कहा, ''माकपा दलितों के खिलाफ अत्याचार में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करती है. प्रशासन को कमजोर लोगों को पूरी सुरक्षा देनी चाहिए.''

सहारनपुर हिंसा में अब तक 25 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश सरकार ने सहारनपुर में हुई हिंसक घटनाओं पर कड़ा रुख अख्तियार किया है. सहारनपुर में हुई हिंसा में अब तक 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है. स्थिति को समान्य करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है. यह जानकारी पुलिस महानिरीक्षक विजय सिंह मीणा ने दी.

पुलिस महानिरीक्षक (लोक शिकायत) विजय सिंह मीणा ने कहा कि सहारनपुर हिंसा मामले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि बीते दिन की सहारनपुर हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि जिले में स्थिति नियंत्रण में है, 10 कम्पनियां तैनात की गई हैं. स्थिति की समीक्षा के लिए चार वरिष्ठ अधिकारी भी भेजे गए हैं. स्थिति सामान्य होने तक अधिकारी वहीं रहकर उठाए जा रहे कदमों पर नजर रखेंगे.

सहारनपुर के एसएसपी को हटाये जाने के सवाल पर मीणा ने सिर्फ इतना कहा कि उनके पास इसकी कोई जानकारी नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई. शासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सहारनपुर हिंसा को लेकर जिलाधिकारी एन. पी. सिंह व एसएसपी सुभाष दुबे के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
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