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बुलंदशहर घटना के चश्मदीद दिव्यांग किसान ने जब सुनाया पूरा हाल, तो सुनने बाले भी रोने लगे!

बुलंदशहर घटना के चश्मदीद दिव्यांग किसान ने जब सुनाया पूरा हाल, तो सुनने बाले भी रोने लगे!
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चश्मदीद दिव्यांग किसान को भी नहीं बख्सा बदमाशों ने
घटना राज्य राजमार्ग-100 पर स्थित रामनेर गांव के पास हुई। गांव में सड़क के किनारे ही सबौता गांव निवासी किसान नोहवत कुमार का खेत भी है। नोहवत दिव्यांग हैं। खेत पर ही उन्होंने ¨सचाई के लिए ट्यूबवेल लगाई हुई है। मशीन की सुरक्षा के लिए किसान खेत पर ही सोता है। जिस वक्त घटना हुई किसान जग रहा था। जब बदमाशों ने परिवार पर हमला बोला, तो शोर मचाने हुए किसान उस ओर दौड़ा। दो बदमाशों ने उसकी पिटाई कर दी। साथ ही उसे भी बंधक बना लिया। किसान ने भी बदमाशों से मिन्नत की, लेकिन बदमाशों को किसान के दिव्यांग होने पर भी दया नहीं आई और उन्होंने दोबारा लात-घूसे से उसकी पिटाई कर दी। किसान का कहना है कि आवाज से बदमाश स्थानीय नहीं लग रहे थे। उनकी आवाज हरियाणवी की लग रही थी।

पूर्व में भी कही पिटाई की बात
किसान का कहना है कि पिछले वर्ष भी दुष्कर्म की इसी तरह की एक घटना हुई थी। उसमें गांव के ब्रह्मदेव की बदमाशों ने पिटाई कर दी थी। किसान ने बताया कि बुधवार रात जिस वक्त बदमाश हैवानियत कर रहे थे, तो उन्होंने कहा कि हमने पिछले साल गांव के ब्रह्मदेव की भी पिटाई की थी। यह सुनते ही किसान के दिमाग में पुरानी याद ताजा हो गई। किसान का कहना है कि कुछ बदमाश ही हैं जो लगातार इस क्षेत्र में घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

अधिकारियों के चेहरे पर नजर आया खौफ
घटना स्थल पर सुबह से लेकर शाम तक अधिकारियों का आना लगा रहा। इनमें कमिश्नर, आइजी, डीएम, एसएसपी सहित अन्य अधिकारी पहुंचे। सभी अधिकारियों के चेहरे पर सरकार का खौफ साफ नजर आया। इसका प्रमुख कारण था कि एक दिन पूर्व ही सहारनपुर में हुई घटना के बाद प्रदेश सरकार ने वहां के जिलाधिकारी व एसएसपी को निलंबित कर दिया था। अधिकारियों को डर रहा कि उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हो सकता है।

मौके से मिली पर्ची से उलझी पुलिस
जांच के दौरान घटना स्थल से पुलिस को एक पर्ची मिली। पर्ची पर पंडित व दो मोबाइल नंबर लिखा था। शुरुआत में पुलिस को लगा कि यह पर्ची बदमाशों की जेब से गिरी है। लगा कि अहम सुराग हाथ लग गया। बाद में जांच के बाद पता चला कि पर्ची पीड़ितों की जेब से ही गिरी थी। उस पर लिखा नंबर उनके जानकार का था।

बदमाशों का हुआ था आपस में विवाद
लूटपाट के बाद बदमाशों का घटना स्थल पर ही आपस में विवाद हो गया था। विवाद लूटी गई रकम हो लेकर हुआ था। बाद में घटना स्थल पर ही कपड़ा बिछा कर लूटी गई रकम व जेवर सभी बदमाशों ने रख दिए। एक बदमाश ने सभी की तलाशी ली। इसके बाद उनके बीच विवाद शांत हुआ।

दो घंटे बाद पहुंची पुलिस
घटना लगभग सवा बारह बजे हुई। चालक ने वाहन मालिक को टायर पंक्चर होने की सूचना दी थी। चालक जब मालिक से बात कर रहा था तभी बदमाशों ने उस पर हमला बोल दिया था। फोन न कटने के कारण मालिक ने सारा वाकया फोन पर सुन लिया था। बाद में मालिक ने पीड़ित परिवार को घटना की सूचना देने के बाद पुलिस को भी सूचना दी। वाहन मालिक का कहना है कि कार्रवाई की बजाये लगभग एक घंटा पुलिस विभिन्न जानकारी करती रही। बाद में पुलिस ने हमसे घटना स्थल के पास पहुंचने के लिए कहा। पुलिस के साथ ही हम भी काफी दूर तक सड़क पर वाहन व पीड़तों को ढूंढते रहे, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। बाद में हमने टार्च लेकर खेतों में ढूंढना शुरू किया तो वाहन मिला। बाद में पीड़ितों ने हमें आवाज दी।

सर्विलांस पर लगाए गए हैं नंबर
पुलिस ने घटना स्थल के पास से कुछ मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया है। उन नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया है। जांच में पता चला है कि उन नंबरों की लोकेशन दिल्ली, हरियाणा व मेवात में मिल रही है। पुलिस की सभी टीमें गंभीरता से जांच में जुट गई हैं।

कोतवाली का किया घेराव, लगाया जाम
घटना के विरोध में जेवर कोतवाली पर दिन में लगभग 12 बजे लोगों की भीड़ जुटने लगी। लोगों ने घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही जेवर कोतवाली के सामने जाम लगाने का भी प्रयास किया। लेकिन, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने समझा कर उन्हें वहां से हटा दिया।

मोहल्ले में तैनात रही पुलिस
पीड़ित के मोहल्ले में चप्पे -चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात रहे। इसका प्रमुख कारण था कि पुलिस व प्रशासन को डर था कि घटना के बाद मोहल्ले में कोई तनाव न पैदा हो जाए। मोहल्ले की गली में घुसने वाले सभी मार्ग पर पुलिस के जवान रहे। पुलिस शाम तक तैनात रही।

पीड़ितों ने दी तीन तहरीर
घटना के बाद पीड़ितों ने बताया कि उनके मोहल्ले के ही कुछ बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया है। पीड़ितों ने बताया कि परिवार की उनसे पिछले कुछ वर्षों से रंजिश चल रही है। पीड़ितों ने सभी के नाम भी पुलिस को बता दिए। इसके बाद पुलिस व प्रशासन को लगा कि घटना आपसी रंजिश के कारण हुई है और आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया जाएगा। बाद में पीड़तों ने बयान बदल दिया। पुलिस को दी तहरीर में किसी पर शक जाहिर नहीं किया। कहा कि यदि बदमाश उनके सामने आएंगे तो पहचान लेंगे। इससे पुलिस व प्रशासन के अधिकारी उलझ गए।

पिता ने भी जताया है शक
पीड़ित परिवार के पिता ने भी मोहल्ले के ही लोगों पर घटना करने का शक जाहिर किया है। पिता का कहना है कि जमीन के विवाद में मोहल्ले के एक दबंग परिवार से उनकी रंजिश चल रही है। पिता का कहना है कि रंजिश में वह लोग पहले भी परिवार के दो लोगों को मार चुके हैं। इनमें एक को जहर देकर व दूसरे को वाहन दुर्घटना में मारा। लेकिन वह भी खुलकर आरोपियों का नाम नहीं ले रहे हैं।

विभिन्न दलों के नेता पहुंचे गांव
मामले में नेताओं ने सुबह से ही प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया। हालांकि, भाजपा नेताओं ने सरकार का बचाव करते हुए शीघ्र घटना का खुलासा करने की बात की। इसमें जेवर से भाजपा के विधायक ठाकुर धीरेंद्र ¨सह, सपा से राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, पूर्व मंत्री वेदराम भाटी, राजकुमार भाटी, नरेंद्र नागर, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय भाटी सहित अन्य नेता शामिल थे।


बहन को हुई बेटी
बुलंदशहर में मारे गए परिवार के मुखिया की बहन प्रसूती के लिए भर्ती थी। उसे बेटी हुई। लेकिन परिवार में छाए मातम के कारण बेटी आने की खुशी काफूर हो गई। एक-दो सदस्यों को छोड़कर अन्य कोई महिला व उसकी बेटी को देखने नहीं गया।

जांच के लिए बनाई चार टीम
आइजी रामकुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए चार टीमें बनाई गई हैं। टीम में तेज-तर्रार अधिकारियों को शामिल किया गया है। टीम में एसटीएफ भी शामिल है।
गठन के साथ ही टीम ने अपने-अपने स्तर से मामले की जांच शुरू कर दी। एक्सप्रेस वे पर हुई पूर्व की घटनाओं का रिसर्च करते हुए टीम खुलासे के प्रयास में जुट गई है।

बच्चे को भी मारने की देते रहे धमकी
पीड़ित परिजन के साथ एक छह वर्ष का बच्चा भी कार में मौजूद था। बदमाशों ने उसे भी बंधक बना लिया था। बदमाशों के द्वारा लगातार बच्चे को भी मारने की धमकी दी जा रही थी। इससे परिवार के लोग और सहम जा रहे थे।
जेवर प्रेस की रिपोर्ट
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