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Archived
जेपी ग्रुप को बड़ा झटका, टोल भी नहीं बसूल पायेंगे यमुना एक्सप्रेस वे पर
शिव कुमार मिश्र
25 Aug 2017 7:57 AM GMT
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जेपी ग्रुप ने 14 हजार करोड़ में बताया था यमुना एक्सप्रेस-वे
नोएडा: जेपी ग्रुप को दिवालिया घोषित करने के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर होनेवाली टोल की वसूली अब जेपी ग्रुप के बजाय NCLT के खाते में जमा होने लगी है। अब टोल प्लाजा में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलिरी, बिजली, टेलिफोन का बिल आदि का खर्चा NCLT ही करेगा।
जेपी ग्रुप ने 14 हजार करोड़ में बताया था यमुना एक्सप्रेस-वे
आपको बता दें, यमुना एक्सप्रेस-वे पर सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए 19 जुलाई को बैठक हुई थी। जिसमे 60, 80 और 100 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने वाले वाहनों के लिए अलग से लेन बनाई जानी थी। 20 अगस्त से काम शुरू होना था। लेकिन एनसीएलटी के आदेश के बाद यह फैसला लटक गया। इसके अलावा मरीजों को एयरलिफ्ट जैसी योजना भी ठंडे बस्ते में जा चुकी है।
यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ अरूण वीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे अब पूरी तरह से नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनर के अधीन आ गया है। टोल टैक्स अब एनसीएलटी के खाते में जमा होगा।
जेपी की डूबने की वजह भी यही यमुना एक्सप्रेस-वे ही रहा। जेपी ने करीब 14 हजार करोड़ रुपए में यमुना एक्सप्रेस-वे बनाया था। निर्माण कार्य बसपा शासन काल में किया गया। उद्घाटन तत्तकालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया।
उम्मीद थी यहां रोजाना एक लाख से ज्यादा वाहन निकलेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब भी एक्सप्रेस-वे से रोजाना करीब 20 हजार वाहन गुजरते हैं। ऐसे में जेपी ग्रुप इसकी लागत तक नहीं निकाल पाया। जेपी ग्रुप की बरबादी की कहानी इस एक्सप्रेस-वे से भी गुजरती है।
शिव कुमार मिश्र
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