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रामपुर: राजस्थान के अलवर में गाय पालने ले जा रहे मुस्लिम की बेदर्दी से हत्या करने की घटना पर समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आज़म खान ने अपने तबेले में पाली जा रही गाय और उसके बछड़े को वापस भेज दिया। यह गाय 2015 में आजम खान को शंकराचार्य श्री अधिक्षाजा नंद जी महाराज ने भेंट की थी तभी से यह गाय और उसका बछड़ा मोहम्मद आज़म खान के तबेले में पल रही थी गाय और उसके बछड़े को एक पिकअप में सवार करा कर विदा कर रहे हैं।
यह वापस भेजी जा रही है शंकराचार्य जी के मथुरा स्थित आश्रम में जहां गौशाला है। यह गाय और उसका बछड़ा शंकराचार्य श्री अधिक्षाजा नंद जी महाराज ने अपने मथुरा स्थित आश्रम के गौशाला से मोहम्मद आज़म खान को भेंट किया था तभी से यह गाय और उसका बछड़ा आज़म खान के तबेले में पल रहा था।
आज़म खान का कहना है कि राजस्थान के अलवर में गाय पालने के लिए ले जा रहे मुस्लिमों पर गोरक्षकों ने हमला कर दिया था । बेरहमी से की गई पिटाई से पहलू खान की मौत हो गयी। आज़म खान के मुताबिक यह घटना एक संदेश है मुस्लिमों के लिए की वो गाय न पालें।
शंकराचार्य अधिक्षाजा नंद जी महाराज को गाय और उसका बछड़ा वापस करते हुए आज़म खान ने एक पत्र भी लिखा है जिसमे उनकी भेंट वापस करने का दुख बताते हुए अपनी मजबूरी का इज़हार किया है कि किन्ही हालात में चाहते न चाहते को दुर्घटना हो गयी तो उसको मुद्दा बना कर नफ़रतें फैला दी जाएंगी और न जानने कितनी मार काट हो,आरएसएस सरसंघचालक श्री मोहन भागवत के इस बयान पर की गौहत्या के खिलाफ देश व्यापी कानून बनेगा जाए, आज़म खान ने कहा बहुत देर से उनको यह खयाल आया, केंद्र में तीन साल से सरकार है।
भागवत जी के बयान पर आज़म खान ने कहा कि यह भी आधा अधूरा है क्योंकि वायदा तो तमाम बूचड़ खाने बंद करने का था अब वैध और अवैध का बटवारा हो गया , कहा तो था सभी किसानों का क़र्ज़ माफ करेंगे , आधों का किया आधों का नहीं किया।