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सहारनपुर में दलित के बेटी की शादी बन्दूकों के साए में !
सहारनपुर: बीते एक महीने से लगातार हिंसा की आग में झुलस रहे सहारनपुर के गाँव शब्बीरपुर में दो दलित दो बहनों की शादी बन्दूकों के साए में सम्पन्न हुई. शादी के चलते ही सही लेकिन गाँव में खुशहाली और रंगीन मिजाज नजर आ रहा था लोंगों का.
गाँव के लोग डीजे पर नाचते थिरकते चल रहे थे तो उनकी सुरक्षा की कमान आरएऍफ़ की टुकड़ी के हवाले थी. गाँव निवासी दलित फ़क़ीरचन्द्र की दो बेटियों प्रीति और मनीषा की शादी के लिए प्रसाशन ने भारी सुरक्षा व्यवस्था का बन्दोवस्त किया था.
गाँव में कोई अनहोनी न हो इसलिए गाँव में भारी सुरक्षा का बन्दोवस्त किया गया था. रैपिड एक्शन फ़ोर्स के साथ साथ पीएसी की कई टुकडियां तैनात की गई थी. फकीरचंद की एक बेटी प्रीति की शादी सहारनपुर के शीतलपुर के मिक्की नामक युवक से हुई. वहीं दूसरी बेटी मनीषा की शादी जिला शामली के जानीपुर के रहने वाले अरुण से हुई.
मनीषा ने कहा कि 'उसने कभी नहीं सोचा था कि ऐसे बंदूक के साये में उसकी शादी होगी, गाँव के हालात अभी तो सामान्य दिखते हैं, लेकिन अभी भी उसके मन में डर है और हालात में 19-20 का ही फर्क हुआ है.'
दूसरी तरफ फकीरचंद प्रशासन के इंतजाम से संतुष्ट दिखे, लेकिन साथ ही ये प्रार्थना भी कर रहे थे कि आगे भी ऐसा ही माहौल रहे. फकीरचंद ने कुछ क्षत्रिय परिवारों को भी न्यौता भेजा था. उनमें से कुछ लोग बारात के स्वागत के लिए शामिल हुए और शादी में शिरकत की.
गाँव के हालात का मुआयना करने सहारनपुर के जिलाधिकारी पी. के. पांडेय और एसएसपी बबलू कुमार के अलावा दूसरे आला अधिकारी भी पहुंचे. जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने दोनों वर-वधु को घर जाकर आशीर्वाद दिया.
शुक्रवार सुबह, गांव में आरएएफ और पीएसी ने फ्लैग मार्च किया था, ताकि लोगों में दहशत खत्म हो. प्रशासन की कोशिशों से माहौल सामान्य हो रहा है और अगर पार्टियां राजनीतिक रोटियां सेंकना बन्द कर दें, तो शायद दलित और राजपूतों में पैदा हुई नफरत की खाई भी जल्द पट सकेगी.
पहली बार शब्बीरपुर में हिंसा के बाद खुशहाली का माहौल देखा गया. शादी विधिवत सम्पन्न होने से प्रसाशन ने राहत की सांस ली तो सरकार तक खुश नजर आई. अधिकारी पुरे क्षेत्र पर पल पल की निगाह रख रहे है ताकि फिर से कोई गडबडी की खबर ना आये. फिलहाल माहौल तनावपूर्ण शान्ति में तब्दील है.