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क्या काशी हो गई है कश्मीर,काशी में भी हो रहा तिरंगे का अपमान
Special Coverage News
28 July 2017 5:45 PM GMT
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राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ के चक्र और यूपी पुलिस के सर की ताज को भी रखा गया ताख पर
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। मेरी जान तिरंगा है, मेरी शान तिरंगा है। याद है ये पंक्तियां। जी हां ''तिरंगा'' फिल्म की ये पंक्तियां गर्व का एहसास दिलाती हैं।देश के प्रथम नागरिक से लेकर आम नागरिक तक तिरंगे को सलामी देता है। तिरंगा हम भारतीयों की पहचान है।
भारतीय कानून के अनुसार ध्वज या प्रतीक को हमेशा गरिमा, निष्ठा और सम्मान' के साथ देखना चाहिए।राष्ट्रीय ध्वज व राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों के अपमान करने वालो का भारतीय संविधान में सजा का प्रावधान है । लेकिन यह अपमान जब कानून के रखवाले करे तो यह मामला और भी पेचीदा हो जाता है। ऐसी ही एक घटना देखने को मिली जब संकटमोचन चौकी इंचार्ज धनंजय राय भूल गए कि राष्ट्रीय प्रतीक तिरंगे और यूपी पुलिस के लोगो की कितनी अहमियत है।
राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ के चक्र और यूपी पुलिस के सर की ताज को भी रखा गया ताख पर pic.twitter.com/Rbtm30nWQi
— Special Coverage (@SpecialCoverage) July 28, 2017
लोगो की माने तो दरोगा साहब टीन शेड से टपकते बरसाती पानी से बचने के लिए तिरंगे के साथ साथ यूपी पुलिस के लोगों का इस्तेमाल करना बेहतर समझा। राष्ट्र और अपने महकमे के सम्मान को ताख पर रखकर इन्होंने फ्लैक्स पर बने तिरंगे और उत्तर प्रदेश पुलिस के लोगों को उल्टा करके टीन शेड को अंदर से ढकवा दिया।
लोगों की माने तो दरोगा जी की यह शर्मनाक लापरवाही राष्ट्र भावनाओं के साथ साथ पुलिस महकमे को भी आहत कर रही है।भारत के राष्ट्रवाद का सबसे पवित्र और सर्वोत्तम प्रतीक तिरंगा के साथ साथ यूपी पुलिस की पहचान और सम्मान प्रतीक का इस तरह इस्तेमाल शर्मनाक है।
चौकी इंचार्ज की इस शर्मनाक हरकत ने वर्दी को शर्मसार करते हुए सबसे बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि जब कानून का पालन कराने वाले खुद ही कानून तोड़ेंगे तब आम जनता से कानून का पालन करने के लिये कैसे कहेंगें ये कानून के रखवाले।
ऐसे में यह प्रश्न भी स्वाभाविक खड़ा हो जाता है कि क्या काशी हो गई है कश्मीर,जहां तिरंगे का होता है अपमान!
दर्ज हो सकता है केस
कानून के जानकारों की माने तो तिरंगा राष्ट्र की शान होता है। इसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। तिरंगे का अपमान दण्डनीय अपराध है।
साथ जिस व्यक्ति ने अपमान किया हो उस पर कानूनन सख्त कार्रवाई की जा सकती है। मुकदमा चलाया जा सकता है।पुलिस को भी अधिकार है कि संज्ञान में आने के बाद वो खुद मामला दर्ज कर, कार्रवाई कर सकती है। यदि कोई भी आम नागरिक चाहे, तो वो भी कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकता है।
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