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तिरंगा,अशोक चक्र व यूपी पुलिस के लोगो(अशोक स्तम्भ) के अपमान के मामले में अधिकारी हो रहे गुमराह, दरोगा जी घूम रहे सीना तान
Special Coverage News
31 July 2017 8:51 AM GMT
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आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी।राष्ट्र गौरव तिरंगा और राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चक्र देश की आन, बान व शान का प्रतीक है। इसे सबसे अधिक मान सम्मान दिया जाता है यूपी पुलिस का लोगो(अशोक स्तम्भ)जो पुलिस के सिर का ताज होता है इन सबका सम्मान ताख पर रखने के बाद अधिकारियों को गुमराह करके दरोगा धनंजय कुमार राय आराम से सीना ताने घूम रहे हैं। देखने से लगता है कि दरोगा जी को पूर्ण भरोसा है कि उनकी दी गयी दलीलों से अधिकारी हो जाएंगे गुमराह।
कार्यवाही से बचने के लिए दरोगा अधिकारियों को गुमराह करते हुए दे रहे हैं शर्मनाक दलील....
कार्यवाही से बचने के लिए संकटमोचन चौकी इंचार्ज धनंजय कुमार राय ने सीओ भेलूपुर अखिलेश सिंह को लिखित शर्मनाक दलील देते हुए कहा है कि बरसात में वर्षा के संपूर्ण जल से बचने के लिए फ्लैक्स का प्रबंध किया गया था जिसके ऊपर चक्र बना हुआ है तथा हरा, नीला,आसमानी,सफेद, काला, पीला,गुलाबी, लाल रंग का प्रयोग किया गया है जो कि राष्ट्रीय ध्वज में नहीं होता है। राष्ट्रीय ध्वज में केसरिया सफेद और हरा रंग का प्रयोग होता है जिसके मध्य चक्र बना होता है जबकि लगाया गया फ्लैक्स राष्ट्रीय ध्वज नहीं है इसका दूसरा पक्षपूर्ण रूपेण सफेद है जबकि राष्ट्रीय ध्वज में दोनों तरफ से एक जैसा होता है।
जबकि अधिनियम में स्पष्ट लिखा गया है कि कब होता है राष्ट्र गौरव का अपमान..........
राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के स्पष्टीकरण-2 में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि "भारतीय राष्ट्रीय झंडे" की अभिव्यक्ति में कोई भी तस्वीर,पेंटिंग, ड्राइंग या फोटोग्राफ या भारतीय राष्ट्रीय झंडे या उसके किसी भाग या भागो का अन्य स्पष्ट चित्रण जो किसी पदार्थ से बना हो या पदार्थ पर दर्शाया गया हो,शामिल है।
सुबूतो से छेड़छाड़ कर फ्लैक्स हटवाया
चौकी इंचार्ज संकटमोचन अपने दी गई दलीलों के अनुसार तिरंगे, अशोक चक्र और यूपी पुलिस के लोगों (अशोक स्तम्भ) का अपमान नहीं किये तो फिर आनन-फानन में सबूतों से छेड़छाड़ करते हुए फ्लैक्स को क्यों हटवाया.? दरोगाजी का ये कृत्य उन्हें कटघरे में खड़ा करता है।
अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी,पूर्व अध्यक्ष सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी ने कहा....
राष्ट्रीय ध्वज हो या राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ हो या अशोक चक्र का चित्र किसी भी पदार्थ पर बना हो सभी भारतवासी उसका सामान करने के लिए कानूनन बाध्य है । यह राष्ट्रगौरव है और सभी भारतीयों के स्वाभिमान का प्रतीक है। इसका कोई भी अपमान करता है या गलत तरीके से इस्तेमाल करता है तो उसके लिए दंड की व्यवस्था है। अपमान करने वाले को दंडित करना चाहिए चाहे वह लोकसेवक को या कोई आम व्यक्ति।
क्या था मामला
दरोगा साहब टीन शेड से टपकते बरसाती पानी से बचने के लिए तिरंगे के साथ साथ राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चक्र और यूपी पुलिस के लोगों (अशोक स्तम्भ) का इस्तेमाल शर्मनाक ढंग से किया। राष्ट्र और अपने महकमे के सम्मान को ताख पर रखकर इन्होंने बरसाती पानी से बचने के लिए फ्लैक्स पर बने तिरंगे,अशोक चक्र और उत्तर प्रदेश पुलिस के लोगों को उल्टा करके टीन शेड को अंदर से ढकवा दिया।
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