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वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ी, मनी लाउड्रिंग केस में हुई गिरफ्तारी
Special Coverage News
9 July 2016 1:30 PM GMT
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हिमाचल प्रदेश: प्रवर्तन निदेशालय वीरभद्र सिंह के खिलाफ 2009-2012 के दौरान हासिल की गई 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति की जांच कर रहा है जो उनके परिजनों के नाम पर एलआईसी पॉलिसी में निवेश की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को गिरफ्तार कर लिया है।
आनंद चौहान की गिरफ्तारी से वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एलआईसी एजेंट की गिरफ्तीर की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आनंद चौहान को चंडीगढ़ पूछताछ के लिए बुलाया गया और उसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
एलआईसी पॉलिसी में वीरभद्र सिंह के परिवार के सदस्यों के साथ ही उनकी बीवी और बच्चे का नाम भी शामिल है। ईडी ने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कुछ महीने पहले जो केस दर्ज किया था उसकी के सिलसिले में यह गिरफ्तारी हुई है।
जब अधिकारी से यह पूछा गया कि क्या और भी इस मामले में गिरफ्तारी हो सकती है तो उन्होंने कहा कि यहां जांच पर निर्भर करेगा। फिलहाल इस बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
वीरभद्र सिंह पर यूपीए सरकार में इस्पात मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति होने की जांच चल रही है। वीरभद्र सिंह ने मामला सामने आने के बाद इस राशि को अपने सब बागानों की आय दिखाया था, लेकिन इनकम टैक्स विभाग की जांच में सामने आया कि जिन वाहनों से सेब की ढुलाई कागजों में दिखाई गई थी उनमें कुछ के नंबर टू व्हीलर के थे।
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