- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
आज रिटायर हो जाएंगे जस्टिस सीएस कर्णन, गिरफ्तारी के डर से हैं फरार
Kamlesh Kapar
12 Jun 2017 5:16 AM GMT
x
Justice CS karanan will be retired today
कोलकाता: कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन आज रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस कर्णन हाईकोर्ट के पहले ऐसे जज हैं जो रिटायर होने के दौरान फरार हैं। जस्टिस कर्णन 10 मई से लापता हैं। जस्टिस सीएस कर्णन को कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया गया है। इसके लिए उन्हें 6 महीने की सजा भी सुनाई गई थी। जस्टिस सीएस कर्नन को पकड़ने के लिए सीआइडी की टीम चेन्नई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नन कोलकाता से लापता हो गए थे। बाद में पता चला कि वे चेन्नई में हैं। इसके बाद उन्हें पकड़ने के लिए कोलकाता पुलिस की एक पांच सदस्यीय टीम चेन्नई गई थी, लेकिन एक महीने तक वहां का खाक छानने के बावजूद कर्नन का कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद सीआइडी की टीम चेन्नई कूच कर रही है।
जस्टिस कर्णन की गिरफ्तरी का आदेश जारी होने के बाद, कर्णन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश जे.एस. खेहर और छह अन्य सुप्रीम कोर्ट के जजों को एससी / एसटी अधिनियम के तहत पांच साल की सजा सुनाई थी। दरअसल, जस्टिस कर्णन ने मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की बेंच ने इस सिलसिले में जस्टिस कर्णन की लिखी चिट्ठियों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा शुरू किया था। इस सिलसिले में जस्टिस कर्णन 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे।
Next Story