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टेल्गो ने रच दिया इतिहास, 180 km प्रति घंटा की गति से दौड़ी

मथुरा
स्पेनिश टैल्गो ट्रेन ने भारत में इतिहास रचा। देश में पहली बार 180 किमी की रफ्तार से ट्रेन दौड़ी है। मथुरा से पलवल तक 84 किमी का ट्रायल रन सफल रहा।
1- टैल्गो ने अब तक की सबसे तेज ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है। गतिमान की मैक्सिमम स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा है।
2- टैल्गो सुबह 11.28 बजे मथुरा स्टेशन से रवाना हुई और दोपहर 12.05 बजे पलवल स्टेशन पहुंची।
3- ट्रेन के लोको पायलट सुनील कुमार पाठक ने बताया कि इसकी मैक्सिमम स्पीड 180 किमी प्रति घंटा रही।
4- इस स्पीड से टैल्गो ट्रेन को भारतीय डीजल इंजन डब्ल्यूडीसी-4 ने दौड़ाया।
5- ट्रेन के एक अन्य लोको पायलट विवेक शर्मा ने बताया कि ट्रेन को 84 किमी का सफर करने में 37 मिनट लगा।
6- गतिमान को ओएचई इंजन (बिजली से चलने वाला इंजन) से चलाया जाता है, जबकि टैल्गो को डीजल इंजन से दौड़ाया गया।
टैल्गो की क्या है खासियत?
1- 1942 में टैल्गो कंपनी की स्थापना हुई थी। यह बेहतरीन पैसेंजर कोच बनाने के लिए जानी जाती है।
2- नॉर्मल भारतीय कोच में पहिए एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इसकी वजह से पहिए का झटका पूरे कोच पर आता है।
3- वहीं, टैल्गो कंपनी के कोच के पहिए एक-दूसरे से एक ही धुरी से जुड़े नहीं हैं।
4- मोड़ या झटके होने पर आगे और पीछे के पहिए अलग-अलग धुरी पर घूमते हैं। इससे पहिए का झटका कोच में महसूस नहीं होता है।
5- टैल्गो ने अब तक 14 तरह के कोच बनाए हैं। ये कोच 380 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक दौड़ सकते हैं।
6- नॉर्मल एलएचबी कोच के मुकाबले टैल्गो कोच एल्युमिनियम से बने होने के कारण बेहद हल्के हैं। इसकी वजह से इसकी रफ्तार तेज है।
7- सीट बेहद आरामदायक हैं और जर्क महसूस नहीं होता है।
6- बुजुर्गों, प्रेग्नेंट महिलाओं और बच्चों को प्लेटफॉर्म पर उतरने में भी परेशानी नहीं होगी।
7- इमरजेंसी ब्रेक लगने पर पैसेंजर्स को जर्क नहीं लगेगा।
भारत में क्या है ट्रेनों की स्पीड
गतिमान एक्सप्रेस- 160 km/h
भोपाल शताब्दी (दिल्ली टू आगरा)- 150 km/h, बाद में 140 km/h
राजधानी एक्सप्रेस- 140 km/h
एक्सप्रेस, सुपरफास्ट ट्रेनें- 90 km/h
पैसेंजर ट्रेन- 60 km/h गति की ट्रेन चलती है.
साभार न्यूज 24