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यूपी राज्यसभा चुनाव: BJP की यह नई 'रणनीति' दे सकता है BSP-SP गठजोड़ को 'मात'

Vikas Kumar
21 March 2018 10:15 AM GMT
यूपी राज्यसभा चुनाव: BJP की यह नई रणनीति दे सकता है BSP-SP गठजोड़ को मात
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उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में वोटों का गणित बैठाने के लिए सियासी दलों ने कोशिशें शुरू कर दी हैं। सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है और अब मैदान में कुल 11 उम्मीदवार हैं।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में वोटों का गणित बैठाने के लिए सियासी दलों ने कोशिशें शुरू कर दी हैं। सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है और अब मैदान में कुल 11 उम्मीदवार हैं।

सभी दल अपने-अपने खेमे के विधायकों को डिनर/बैठक के बहाने एकजुट कर रही है। समाजवादी पार्टी (SP) अपने विधायकों को पांच सितारा होटल में डिनर देगी, लेकिन कांग्रेस ने डिनर के लिए जगह का खुलासा नहीं किया है। उधर, बीजेपी ने सीएम आवास पर तो बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने घर पर ही विधायकों की बैठक बुला ली है।

इस चुनाव में एक सीट का समीकरण कुछ इस तरह से बना है, जिसकी वजह से यह चुनाव काफी रोचक हो गया है। इन 11 उम्मीदवारों में से BJP की ओर से 9 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि उनके सिर्फ 8 प्रत्याशियों के जीतने की गारंटी है। वहीं समाजवादी पार्टी और बसपा की तरफ से एक-एक प्रत्याशी मैदान में है।

राज्यसभा की इन 10 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी की 8 सीट पक्की है, वहीं सपा की नौंवीं सीट पक्की है, जहां से जया बच्चन का जीतना पूरी तरह तय है। लेकिन जो दसवीं सीट है, महाभारत उसी के लिए है। दसवीं सीट के लिए भाजपा की दावेदारी ने इस चुनाव को न सिर्फ रोमांचकारी बना दिया है, बल्कि उसने पहले के समीकरण को भी ध्वस्त कर दिए हैं। दसवीं सीट के लिए बसपा की ओर से भीमराव अंबेडकर मैदान में हैं, जिन्हें सपा का समर्थन प्राप्त है।

खास बात है कि एक राज्‍यसभा सीट पर जीत के लिए औसत 37 विधायकों के वोट की जरूरत होती है। यूपी में बीजेपी के पास 311 विधायक हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो यूपी की आठ सीटों पर वोट करने के बाद बीजेपी के पास 28 विधायकों के अतिरिक्त मत बच रहे हैं और उसे जीत के लिए सिर्फ नौ और मतों की जरूरत होगी।

बिजनौर के नूरपुर के विधायक लोकेंद्र सिंह के निधन से एक संख्या घटी है। वहीं बीजेपी सदन में निर्दलीय रघुराज प्रताप सिंह और अमन मणि त्रिपाठी तथा निषाद के विजय मिश्र के वोटों पर अपना दावा करती है। विधानसभा में सहयोगी दलों को मिलाकर बीजेपी के पास 324 विधायकों का समर्थन हासिल है।

वहीं जया बच्चन के मत आवंटित करने के बाद समाजवादी पार्टी के पास दस वोट बच रहे हैं। बसपा के 19, सपा के दस, कांग्रेस के सात और रालोद के एक वोट को मिलाकर कुल 37 हो रहे हैं। जो जीत के आंकड़े के बराबर हैं। लेकिन सपा सांसद नरेश अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने के बाद से समीकरण बदल गए हैं। सपा महासचिव रहे नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल सपा के विधायक हैं। ऐसे में नितिन अग्रवाल बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं।

बता दें राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 23 मार्च को मतदान होगा। बीजेपी की ओर से राज्‍यसभा के लिए नामांकन के दाखिल करने वाले नेता हैं, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, जनसंघ के उम्मीदवार महेश चंद्र शर्मा, बीजेपी के डॉ. अनिल जैन, अशोक वाजपेयी, कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, डॉ. हरनाथ सिंह यादव, सकलदीप राजभर और जीवीएल नरसिम्हा राव। वहीं सपा की ओर से जया बच्चन और बसपा की ओर से भीमराव अंबेडकर।

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