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बीजेपी के छूटे छक्के, पप्पू मार रहा है छक्के पर छक्के, पीएम, सीएम और अमित शाह हें हक्के बक्के!
गुजरात चुनाव को लेकर जिस तरह बीजेपी बचाव की मुद्रा में खेल रही है, वही वास्तविक खेल है. क्योंकि पूरे देश में गुजरात माडल पर चुनाव लड़कर नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद हासिल किया. लेकिन जिस तरह कांग्रेस के वारिस राहुल गाँधी को पप्पू साबित कर बिना विकेट कीपर और लूज फील्डिंग के चलते लगातार अपने मैचों में जीत दर्ज कर वर्ल्ड रिकार्ड कायम करनें वालों के चहरे की रंगत आजकल फीकी नजर आ रही है.
बीजेपी जिस तरह से गुजरात में पप्पू से डरकर पूरी भाजपा क्या पीएम क्या सीएम और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इतना जबर्दस्त हमला बोला है जो वाकई काबिले तारीफ़ है. हां एक बात और याद दिलादें कि बीजेपी का गठन 1980 में हुआ जबकि हमारे पीएम ने भाषण में कहा कि कांग्रेस आज ही नहीं नेहरु जी भी बीजेपी से डरते थे. भाई उस समय कौन सी बीजेपी थी इतना जरुर बताना चाहिए था.
गुजरात चुनाव बीजेपी के गले की हड्डी बन गया है. यूपी में चुनाव के दौरान महाराष्ट्र के निकाय चुनाव ने मदद दी थी लेकिन गुजरात से पहले नादेड नगर निगम, पंजाब लोकसभा उप चुनाव और केरल विधानसभा उप चुनाव की हार ने और परेशानी पैदा कर दी. हिमाचल में चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी निर्णय नहीं ले पा रही है कि गुजरात में चुनाव कब कराएं जाय.
सन 2012 में चुनाव आयोग ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी थी वो इस प्रकार है.
हिमाचल प्रदेश में एक चरण में चुनाव होंगे जिसका मतदान 4 नवंबर को होगा. वहीं गुजरात में चुनाव दो चरण में होंगे. पहले चरण के चुनाव 13 दिसंबर को होगा और दूसरे चरण के मतदान 17 दिसंबर को. दोनों राज्यों में मतगणना 20 दिसंबर को होगी.
जब एक ही दिन चुनाव हुए हो तो फिर अलग अलग तारीख में चुनाव क्यों? दूसरी बात एक साथ चुनाव की हिमायत करने वाली बीजेपी अब अलग अलग तारीखों में चुनाव क्यों कराना चाहती है इसका कारण समझ में नहीं आ रहा है. लेकिन इतना तो साफ नजर आ रह है कि बीजेपी पप्पू से वास्तव में डरी हुई है.