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प्रणव दा ने पूंछा जब सरकार से ये सवाल, हिम्मत है किसी मौलवी को ईद के दिन गिरफ्तार करने की, उड़ गये थे होश!
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में कई खुलासे किए हैं. किताब में लिखे प्रणब मुखर्जी के एक बयान से बड़ा सियासी बवाल खड़ा हो सकता है. मुखर्जी ने अपनी नई किताब 'द कोलिशन इयर्स 1996–2012' में लिखा है कि उन्होंने 2004 में कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे. पूर्व राष्ट्रपति ने इस किताब में लिखा है कि वह इस गिरफ्तारी से बेहद नाराज थे. इस नाराजगी को उन्होंने सरकार के सामने ज़ाहिर भी किया था. अपनी नई किताब के एक अध्याय में प्रणब ने इस घटना का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि वह पुलिस की इस कार्रवाई से बेहद ग़ुस्से में थे और इस मामले को कैबिनेट की बैठक में भी उठाया था.
प्रणब मुखर्जी ने लिखा है, ''एक कैबिनेट बैठक के दौरान मैं इस गिरफ्तारी के समय को लेकर काफी नाराज़ था. मैंने सवाल पूछा कि क्या देश में धर्मनिरपेक्षता का पैमाना केवल हिन्दू संतों महात्माओं तक ही सीमित है? क्या किसी राज्य की पुलिस किसी मुस्लिम मौलवी को ईद के मौके पर गिरफ्तार करने का साहस दिखा सकती है?'' जानकारी के लिए बता दें कि कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को 2004 के नवंबर महीने में दीवाली के आस पास एक हत्या के आरोप में आंध्र प्रदेश से गिरफ़्तार किया गया था.
दरअसल कांग्रेस पार्टी पर यूपीए सरकार के दौरान मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे थे. खासकर बीजेपी ने तो इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया था. ऐसे में प्रणब मुखर्जी का ये बयान बीजेपी को एक मुद्दा थमा सकता है . आपको बता दें कि 2004 मई में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन की सरकार बनी थी. प्रणब मुखर्जी मई 2004 से अक्टूबर 2006 तक में रक्षा मंत्री रहे थे.
प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में कई खुलासे किए हैं. इन खुलासों का एक अहम हिस्सा वह भी है जहां प्रणब मुखर्जी ये बताते हैं कि उन्हें उम्मीद थी, सोनिया गांधी उन्हें प्रधानमंत्री बनाएंगी. प्रणब मुखर्जी ने 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के समय का हवाला देते हुए लिखा है कि दो जून को उनकी सोनिया के साथ बैठक थी. इस बैठक में सोनिया गांधी से पार्टी से लेकर सरकार तक हर मुद्दे पर उनकी बेबाक चर्चा हुई. बैठक में यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर भी बातचीत हुई. इस बातचीत के दौरान सोनिया गांधी ने कहा, "प्रणब जी, आप सबसे काबिल उम्मीदवार हैं लेकिन सरकार चलाने में आपकी बेहद अहम भूमिका है, जिसे आपको नहीं भूलना चाहिए. क्या आप कोई विकल्प सुझाएंगे."