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गुरदासपुर उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के सबसे बड़े पांच कारण, क्यों हारी बीजेपी

गुरदासपुर उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के सबसे बड़े पांच कारण, क्यों हारी बीजेपी
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कांग्रेस ने पंजाब में गुरदासपुर उपचुनाव जीत लिया है. कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बीजेपी-अकाली गठजोड़ के उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया को 1.93 लाख वोटों से शिकस्त दी. सुनील जाखड़ के पक्ष में 4,99,752 वोट पड़े और उनके सबसे क़रीबी उम्मीदवार रहे स्वर्ण सलारिया को 3,06,533 वोट मिले.

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेजर जनरल सुरेश कथूरिया के पक्ष में महज 23,579 वोट ही पड़े. अभिनेता से नेता बने बीजेपी सांसद विनोद खन्ना के निधन के कारण पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर ये उपचुनाव कराए गए थे.


  1. उपचुनाव में केवल 56 फीसदी वोटिंग हुई. नतीज़े बताते हैं कि सात महीने पुरानी कांग्रेस की सरकार के ख़िलाफ़ लोगों में कोई बड़ी नाराज़गी नहीं थी. ये साफ है कि लोग कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के बारे में कोई राय बनाने से पहले उन्हें थोड़ा वक्त देना चाहते हैं.
  2. बीजेपी और अकालियों की तुलना में कांग्रेस लोगों के सामने ज्यादा एकजुट और संगठित नज़र आई. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल चुनाव प्रचार में नहीं दिखे. हालांकि इसकी वजह उनका ख़राब स्वास्थ्य बताया गया. दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और नवजोत सिंह सिद्धू ने सुनील जाखड़ का प्रचार किया.
  3. स्वर्ण सलारिया की छवि भी उनके लिए परेशानी का सबब बनी. बलात्कार का आरोप लगने से उनकी संभावनाएं और कमज़ोर हो गई थीं. हालांकि सलारिया ने इन आरोपों से इनकार किया. उधर, सुनील जाखड़ के ख़िलाफ़ कोई आरोप नहीं था. हालांकि बीजेपी ने जाखड़ को निर्वाचन क्षेत्र में बाहरी उम्मीदवार के रूप में प्रचारित किया था.
  4. शिरोमणी अकाली दल के नेता सुच्चा सिंह लंगा पर लगे बलात्कार के आरोप से भी अकाली-बीजेपी उम्मीदवार की संभावनाएं कमजोर हुईं. हालांकि अकालियों ने सुच्चा सिंह को बाहर का दरवाजा दिखा दिया, लेकिन इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा.
  5. कुछ जानकार इसे जीएसटी और किसानों को लेकर मोदी सरकार की नीति पर लोगों का फैसला भी बता रहे हैं.
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