- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
रोडरेज केस में 30 साल बाद सिद्धू पर फैसला आज, सजा होगी या मिलेगी राहत?
Arun Mishra
15 May 2018 4:04 AM GMT
x
Navjot Singh Sidhu
पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 30 साल पुराने रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा.
नई दिल्ली : पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 30 साल पुराने रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. इस केस में निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसले को पलटते हुए उनको गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया और तीन साल कैद की सजा सुना दी थी.
नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इसी पर आज फैसला आना है. 27 दिसंबर 1988 को पटियाला में सड़क पर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से बहस के बाद मुक्का मारने से उनकी मौत हो गई थी, जिसका आरोप सिद्धू पर लगा था. फिलहाल उनकी सजा पर रोक है और केस की सुनवाई जारी है.
मृतक के परिजनों ने पिछली सुनवाई के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा 2012 में एक चैनल को दिए इंटरव्यू को सबूत के तौर पर पेश किया था. इसमें सिद्धू ने स्वीकार किया था कि उनकी पिटाई से ही गुरनाम सिंह की मौत हुई थी. 12 अप्रैल को सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सिद्धू ने झूठ बोला कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे.
पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 30 साल पुराने रोडरेज केस में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू को दोषी ठहराए जाने का फैसला सही है. सिद्धू अभी पंजाब सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति और स्थानीय निकाय मंत्री हैं. सरकार के कोर्ट में दिए इस बयान ने सिद्धू की परेशानी बढ़ा दी थी.
30 साल पहले गुरनाम की हुई मौत
पंजाब सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सिद्धू द्वारा मुक्का मारने से पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत हुई थी. उन्होंने ये भी कहा कि ट्रायल कोर्ट ने गलत फैसला सुनाया था कि गुरनाम सिंह की मौत हृदयगति रुकने से हुई थी, न कि ब्रेनहैमरेज से. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यही वजह है कि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला पलट दिया था.
अपनी ही सरकार सिद्धू के खिलाफ
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में फैसले मद्देनजर कांग्रेस ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से पहले से ही किनारा करना शुरू कर दिया. पहले खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट से सिद्धू को जो सजा दी गई, वो बिल्कुल सही है. इसके बाद कर्नाटक चुनाव प्रचार के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से उनका नाम बाहर कर दिया गया.
Next Story