Archived

भाजपा के रामराज में न्याय ना मिलने पर दलित सिपाही गेनाराम मेघवाल ने की परिवार सहित आत्महत्या !

मो हफीज
6 March 2018 11:51 AM GMT
भाजपा के रामराज में न्याय ना मिलने पर दलित सिपाही गेनाराम मेघवाल ने की परिवार सहित आत्महत्या !
x

मो हफीज व्यूरो चीफ राजस्थान

सदियों से देश दुनिया में धर्म व्यक्ति को जीवन से लेकर जीवन समाप्ति के बाद भी मोक्ष की शुभकामना देकर उसे आशावादी बनाने का काम करता है I सम्पूर्ण कर्म करने के बाद भी मनवांछित फल नही मिलने पर धर्म व्यक्ति को भाग्य की और ले जाकर उसे भाग्य पर भरोसा करने वाला भाग्यवादी बना देता है I कुछ लोगो के लिए धर्म कर्मवीर बनने के बाद भी भगवान की इच्छा के रूप में सम्पूर्ण अपमान तिरस्कार सहने का नाम है तो यही धर्म देश के कुछ अभिजातवर्गों के लिए जन्म से ही श्रेष्ठता का भाव प्रदान करता है I दुनिया में व्यक्ति जन्म लेकर श्रेष्ठ कर्म करने से महानता को प्राप्त करता है परन्तु दुर्भाग्य से हमारे देश में कुछ समाज के वर्गों को बिना कुछ किये ही यही धर्म पूजनीय बना देता है I तथा कथित समाज के श्रेष्ठी वर्गों के लोग आज भी हमारे देश में धर्म के आधार पर जीवन पर्यंत श्रेष्ठ सुख सुविधाओ को भोगते है तो समाज के कुछ वर्ग आज भी आजादी के 70 वर्षो के बाद भी त्रिस्कार अपमान का जीवन जीने को विवश किये जा रहे है I भारत वर्ष में धर्म का रूप जो आज भेदभाव और अन्याय को जन्म देता है उसकी जड़े प्राचीन भारत के श्रेष्ठ काल यानी सतयुग में भी विद्यमान थी I


भारतवर्ष में राम राज की परिकल्पना जो लोग आज भी देश में करते है शायद समाज का वह अभिजात वर्ग यह भूल जाता है कि भगवन राम के राम राज में भी समाज का दलित शम्बूक मुनि के रूप में षड्यंत्र का शिकार बन जाता है I रामराज के काल में भी शम्बूक मुनि को षड्यंत्र पूर्वक हिंसा का शिकार बना दिया गया था I भगवान राम इस देश के अराध्य है, राष्ट्र नायक है समाज में सभी प्रकार की मर्यादा का निर्वाह करने के कारण भगवान राम को मर्यादा पुरुष मानकर उनकी पूजा की जाती है I दूसरी और रावण के दुर्गुणों के कारण प्रतिवर्ष प्रतीकात्मक रूप से ही रावण के पुतलो का दहन करके हमारा समाज आनंदित होकर उत्सव मनाता है I शायद प्रतिको के दहन से समाज में रावण रूपी अहंकार, लालच, भृष्टाचार, ऊंच-नीच, भेदभाव सहित सभी प्रकार की बुराइयों का अग्नि दहन करके समाज का श्रेष्ठ वर्ग अगले ही दिन से इन सब बुरे कर्मो से अपना पीछा छुड़ाने का भाव मन में लेकर निश्चित हो जाता है, पर हकीकत में आज भी रावण रूपी दरिंदो को पालने के लिए भाजपा और संघ के रामराज की अवधारणा और इनका शासन स्वतंत्र भारत में भी क्रियाशील है I


राजस्थान राज्य के नागौर जिले के डीडवाना तहसील में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के ड्राईवर पुलिस चालक गेनाराम मेघवाल ने अपने ही महकमे बैठे दबंगों के जुल्म से घबराकर परिवार सहित आत्महत्या कर ली I राज्य के हालात दलित जाती के लिए कितने भयावह है यह पुलिस महकमे के दलित कर्मचारी के परिवार की सामूहिक आत्महत्या से स्पष्ट हो जाते है I जनवरी 2018 को घटित इस घटना से राज्य के प्रशासन की पोल खुल जाती है I पुलिस में तैनात एक उच्च अधिकारी का वाहन चालक होकर भी दलित गेनाराम मेघवाल को पुलिस थानों में परिवार सहित निर्दोष होने पर भी प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा I दुखी मृतक गेनाराम ने अपने गाँव बघरासर में अपनी पत्नी संतोष बेटा सुमित व अपनी पुत्री के साथ सामूहिक आत्महत्या कर ली I मृत्यु से पूर्व लिखे सुसाइड नोट में गेनाराम ने नागौर एसपी कार्यालय में तैनात अपने ही विभाग के कर्मचारियों पर मारपीट व प्रताड़ना के आरोप लगाये I राज्य की विधानसभा में आज तक गेनाराम के परिवार की सामूहिक आत्महत्या के दोषियों की गिरफ्तारी नही होने पर सवाल उठाया गया, जिस पर राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने मामले की गहनता से जांच का सिर्फ भरोसा दिया है I वैसे भी राज्य की भाजपा का चेहरा घोर सामंतवादी रहा है जिसके शासन में दलित दुल्हे को घोड़ी पर चढ़ने की सजा के रूप में दुल्हे के चाचा के दोनों पैर दबंग ठाकुर तोड़ देते है I प्रदेश में इससे पूर्व भी भाजपा की ही सरकार में कुम्हेर काण्ड हो चुका है, जिसमे दलित महिलाओ के साथ सामूहिक बलात्कार करके उनके गुप्तांगो में लाठी डंडे डाल दिए गये थे I


चाहे हरियाणा हो या यूपी राजस्थान, गुजरात सभी भाजपा शासित राज्यों में भाजपा का रामराज दलितों पर सामूहिक रूप से अत्याचार करता है I यूपी के सहारनपुर जिले में हुए दलित राजपूत संघर्ष में भी दलितों की महिलाओ से सामूहिक बलात्कार करके उनके घर जला डाले I धर्म की अवधारणा के कारण ही हमारे देश में कुछ लोग गोमूत्र पी जाते है पर दलित के हाथो से पानी का एक गिलास भी पीना पसंद नही करते है I धर्म के मूल से प्रभावित होकर आज भी दलितो को अपमानित करने को ही धर्म समझने वाले समाज के वर्गों को भाजपा सरकारों का पूर्ण समर्थन प्राप्त है I


राज्य के कोटा शहर में राज्य की दबंग जाट जाती के अफसरों ने पुलिस थाने में ही भाजपा की दलित महिला विधायक और उसके पति को जमकर पीटा I भाजपा शासन के समय ही नागौर जिले के डांगावास कस्बे में दबंग जाती के लोगो ने तीन दलितों को ट्रेक्टर से कुचलकर निर्ममतापूर्वक मार डाला I इन सभी घटनाओ में पुलिस ने लिपा पोती करके कर्तव्य की इतिश्री कर ली है I इस घटना में दलित महिलाओ को निवस्त्र करके घुमाया भी गया I घटना के अपराधी खुले घूम रहे है और राज्य के गृहमंत्री न्याय के बजाय सिर्फ आश्वासन दे रहे है I नागौर जिले के ही मकराना शहर में एक दलित जाती के युवक को राजपूत जाती के दबंगों ने सड़क पर लेटाकर जीप से कुचलकर मार डाला I राज्य के सीकर जिले के नीम का थाना तहसील में दबंग राजपूतो ने घर में घुसकर दो दलित बहनों से बलात्कार कर दिया, जिसकी रिपोर्ट राज्य की पुलिस ने दर्ज नही की I इससे शुब्ध होकर दोनों दलित छात्राओं ने रेल से कटकर आत्महत्या कर ली I राज्य के करोली जिले में एक दलित महिला को जलाकर मार डाला गया, महज इसलिए की एक विवाहिता का नाता दूसरी जगह कर दिया जाए I दलित महिला को जलाकर मारने के बाद उसे विवादित विवाहिता की आत्महत्या के रूप में प्रचारित कर दिया गया I


इस घटना में भी पूर्व की भाति पुलिस की भूमिका दलित विरोधी रही है I "घर घर भगवा फहराएँगे, राम राज फिर लाएंगे" शायद भाजपा के रामराज में दलित जाती का व्यक्ति होना बड़ा अपराध हो गया हैI भाजपा के रामराज में महाराष्ट्र के भीमा कोरेगाव में दलितों को शोर्य दिवस मनाने पर ही मारा जाता है I भाजपाईयों के लिए दलित सिर्फ वोट देने के लिए है उन्हें राम के नाम पर तो कही धर्म के नाम पर चुनावी सीजन में ही अपनाया जाता है I


जो खेल कांग्रेस अपने शासन में मुस्लिमो केलिए खेलती रही है वैसा ही खेल भाजपा दलितों के साथ खेल रही है I राष्ट्रपति भवन में दलित को बैठाकर चुन चुन कर बाकीयों का शिकार करो ज्यादा विवाद होने पर राष्ट्रपति को चेहरा आगे कर विवाद को शांत कर दो I वैसे भी राम से भाजपाइयों का लगाव बस चुनावी मौसम के लिए ही है I हर बार चुनाव की तारीख घोषित होने पर कारीगर बेलदार अचानक पत्थर तरासने के काम में लगे टीवी चेनलो में प्रकट हो जाते है फिर जैसे अचानक प्रकट होंते है, वैसे ही ये कारीगर चुनाव बाद पत्थर की शिलाखंड के साथ गायब हो जाते है I राम राज से लेकर आज स्वतंत्र भारत तक में राम के साथ देश धर्म-भक्ति भाजपाइयों के लिए स्वार्थ पूर्ति का साधन है तो वही दलितों के लिए इनके शासन में हर दिन अपमान का साधन है I


राज्य के एक दलित वरिष्ठ आई. ए. एस. अधिकारी उमराव सालोदिया को महज दलित होने के कारणवश राज्य का मुख्य सचिव बनने से रोका गया I इस भेदभाव के कारण ही बाद में उमराव सालोदिया हिन्दू धर्म त्यागकर के उमराव खान बन गये I संघ के इस विचार के हम भी समर्थक है कि मुस्लिमो की बड़ी आबादी यही के लोगो की धर्मान्तरित है I राजा दाहिर के शासन में दलितों की शादी की डोलिया राजा दाहिर के लोग लूट लेते थे I मोहम्मद बिन कासिम का स्वागत करके एक लाख से ज्यादा दलित जो धर्म के नामपर सताये जाते थे, उन्होंने ईस्लाम धर्म अपनाया I स्वामी विवेकानंद अनुसार जमीदारो, सामंतो के अत्याचारों से दुखी होकर देश की बड़ी दलित आबादी ने ईस्लाम धर्म को अपनाया है I


स्वतंत्रता पूर्वक त्रावणकोर के उच्च जाती के राजा ने अपने राज्य में दलित महिलाओ को अपने स्तन खुले रखने का राज्यादेश जारी कर दिया था जिसे पहले टीपू सुलतान ने और बाद में अंग्रेजी शासन ने समाप्त कराया I स्वतंत्र भारत में भारत के पूर्वप्रधानमंत्री स्वर्गीय वी. पी. सिंह के संसदीय क्षेत्र में बुच्ची नामक नव विवाहित दलित की पत्नी से दबंग ठाकुरों ने सुहागरात मनाने की परम्परा निभाने को कहा I इसका विरोध करने पर बुच्ची बाबु को देश के तत्कालीन प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र फतेहपुर में जिन्दा जला दिया गया I इस प्रकार की घटनाए किसी भी सभ्य समाज और राष्ट्र में स्वीकार्य होनी चाहिए ? इस प्रश्न का उत्तर दलित भाजपा की सरकारों से न्याय के रूप में मांग रहा है I न्याय देने में विफल भाजपा सरकारों की कथनी और करनी का भेद देश में दलित स्वर्ण खाई को और गहरी कर रहा है जो देश केलिए शुभ नही है I

Next Story