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राजस्थान बीजेपी में सबसे बड़ा संकट 38 साल में पहली बार!
राजस्थान में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे में तुनक नहीं बन पा रही है. आपसी अनबन से पार्टी और कमजोर होती प्रतीत नजर आ रही है जबकि पिछले 38 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ जो आज हो रहा है.
राजस्थान में इस साल के आखिर तक विधान सभा चुनाव होने हैं लेकिन पार्टी के अंदर सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को हटे हुए एक पखवाड़े से ज्यादा हो चुका है लेकिन अभी तक राज्य को नया बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नहीं मिल सका है.
दरअसल, जिन-जिन नामों को लेकर चर्चा हुई उस पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच सहमति नहीं बनी. लिहाजा, 38 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि इतने दिनों तक बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए इंतजार करना पड़ा है. पार्टी के गठन यानी अप्रैल 1980 से लेकर 18 अप्रैल 2018 तक यह कुर्सी खाली नहीं रही है. जिस दिन अध्यक्ष हटे हैं, उसी दिन दूसरे अध्यक्ष ने पदभार संभाल लिया है लेकिन पार्टी में टकराव की वजह से राजस्थान बीजेपी बिना अध्यक्ष के ही चल रही है.
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व ने जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला किया तो वसुंधरा राजे ने राज्य में जातीय नेतृत्व का हवाला देकर उनके नाम पर असहमति जता दी। माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे किसी ऐसे शख्स को इस पद बिठाना चाहती हैं जो उनका करीबी हो और उनके इशारे पर काम कर सके. वैसे कर्नाटक चुनाव तक यह पेंच फंसा रह सकता है क्योंकि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व फिलहाल कर्नाटक विधान सभा चुनाव में बिजी हैं. बता दें कि 12 मई को कर्नाटक में वोट डाले जाएंगे, जबकि 15 मई को नतीजे आएंगे.