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इस केंद्रीय मंत्री का राजस्थान का बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनना तय!
राजस्थान में बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा इस पर अभी कयास लगाये जा रहे है. जबकि असलियत कुछ और ही नजर आ रही है. इस पद पर पार्टी में अब सिर्फ दो नामों के चर्चा हो रही है. इन नामों में दोनों केन्द्रीय मंत्री है. एक जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत है जबकि दूसरे केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल है .
बीजेपी गजेंद्र सिंह के नाम से नाराज राजपूतों को खुश करने की चाल चलना चाहती है तो अर्जुन राम मेघवाल के नाम पार दलितों की गुस्सा को दूर करने का प्रयास करना चाहती है. आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद बीजेपी से राजपूतों की नाराजगी काफी हद तक बढ़ी हुई है इसका परिणाम लोकसभा विधानसभा उप चुनाव में बीजेपी को मिल चूका है. दलित भी अब बीजेपी से नाराज है.
गजेंद्र सिंह शेखावत आरएसएस की भी पसंद बताये जा रहे है. यही वजह है कि केंद्र सरकार में जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को जगह दी गई. पीएम ने उन्हें किसानों की समस्या को दूर करने का जिम्मा सौंपा.प्रदेश का राजपूत समाज भाजपा का परंपरागत वोट बैंक रहा है. राजघरानों की नजदीकी भी भाजपा से ही रही है. प्रदेश में करीब साठ लाख आबादी है. वर्तमान में यह समाज भाजपा से खिसका हुआ है. पार्टी चाहती है उनकी नाराजगी दूर की जा सके. जिससे विधानसभा और लोकसभा में राजस्थान में फिर परचम लहरा सके.
संघ विचारधारा के किरोड़ीलाल की पार्टी में वापसी कराई. राज्यसभा में भेजकर मीणा-आदिवासी समाज को साधने का काम किया. संगठन मानता है कि इसका फायदा अगले चुनाव में मिलेगा. वहीँ माली समाज भी परंपरागत भाजपा का वोट बैंक रहा है. अशोक गहलोत के सीएम बनने पर कुछ हिस्सा खिसका. सैनी को राज्यसभा भेजकर भाजपा ने अपना वोट बैंक मजबूत किया है.
राजस्थान सरकार ने परशुराम जयंती पर सरकारी छुट्टी कर दी. ब्राह्मणों की लंबे समय से मांग थी. उनकी इस मांग को मानकर ब्राह्मणों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया है. नाराज चल रहे घनश्याम तिवाड़ी जैसे नेताओं को मुख्यधारा में लाकर मजबूत किया जा सकता है. बीजेपी राजस्थान में सरकार बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. जातिगत गोल सेट कर रही है ताकि प्रदेश में फिर से वापसी हो सके.