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गजब: एक ऐसा मंदिर जहां पहले करनी होती है 'चोरी', फिर पूरी होती है मनोकामनाएं

Vikas Kumar
2 Nov 2017 3:15 PM IST
गजब: एक ऐसा मंदिर जहां पहले करनी होती है चोरी, फिर पूरी होती है मनोकामनाएं
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कहा जाता है कि चोरी करना पाप है लेकिन देश में एक ऐसा मंदिर भी है जहां पहले भक्तों को चोरी करनी पड़ती है। उसके बाद उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है।

नई दिल्ली : कहा जाता है कि चोरी करना पाप है, भगवान उसके गुनाहों को कभी माफ़ नहीं करेंगे। लेकिन देश में एक ऐसा मंदिर भी है जहां पहले भक्तों को चोरी करनी पड़ती है। उसके बाद उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है।

जी हां, उत्तराखंड के चुड़ियाला गांव में सिद्धपीठ चूड़ामणि देवी का मंदिर एक ऐसा मंदिर है। आप वहां के लोगों में मंदिर को लेकर मान्यता जानकर हैरान हो जाएंगे। मान्यता के अनुसार इस धार्मिक अस्थल पर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए लोगों को पहले चोरी करनी होती है।

दरअसल इस मंदिर का निर्माण 1805 में लंढौरा रियासत के राजा द्वारा करवाया गया था। कहा जाता है कि इस राजा का कोई पुत्र नहीं था। एक दिन राजा जंगल की तरफ शिकार करने के लिए गया, जहां उनको माता की पिंडी के दर्शन हुए। राजा ने माता की पिंडी की वहीं पर पूजा अर्चना की और माता से पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा, जिसके बाद उनकी यह मुराद पूरी हो गई।

जिसके बाद राजा ने अपनी मन्नत पूरी होने पर इस मंदिर का निर्माण करवाया था। तभी से इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। मान्यता के अनुसार इस मंदिर में लोग दूर दूर से पुत्र प्राप्ति के लिए आते हैं। कहा जाता है अगर आप पुत्र की चाह रखते है तो आपको मंदिर में आकर माता के चरणों में रखा लोकड़ा (लकड़ी का गुड्डा) चोरी करके अपने साथ ले जाना होगा। और जब आपको मनोकामना पूरी हो जाए तो एक बार फिर माता के मंदिर में माथा टेकने के लिए आना पड़ता है।

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