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करवा चौथ के दिन भूलकर भी ना करें ये गलतियां, करना पड़ेगा दुर्भाग्य का सामना
Alok Mishra
7 Oct 2017 6:31 AM GMT
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कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाता है। सुहागन औरतें इस व्रत को पति की लंबी उम्र की कामना के साथ करती हैं, हालांकि अब अपने खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना के साथ पति भी यह व्रत रखते हैं।
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाता है। सुहागन औरतें इस व्रत को पति की लंबी उम्र की कामना के साथ करती हैं, हालांकि अब अपने खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना के साथ पति भी यह व्रत रखते हैं। यह निर्जला व्रत रखना काफी कठिन है लेकिन अगर आप यह व्रत रखते हैं तो कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें। इनकी अनदेखी करने पर संभव है आपको भविष्य में सौभाग्य की बजाय दुर्भाग्य का सामना ही करना पड़े।
कपड़े पहनने में सावधानी
इस दिन स्त्रियां दुल्हन की तरह तैयार होती हैं लेकिन इसका ध्यान रखें कि काला रंग भूलकर भी ना पहनें। इसे नकारात्मक माना जाता है और जिस मकसद से आप पूजा कर रही हैं उसमें व्यवधान पैदा करता है। सुहागनों के सोलह शृंगार में लाल रंग का बेहद महत्व है, इसे शुभता से जोड़ा गया है। इसलिए कपड़े और चूड़ियां लाल रंग की ही पहनें। पुरुष कम से कम काला रंग पहनने से बचें।
दान दान देना हमेशा ही फलीभूत होता है, शुभ मौकों पर इसकी महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। लेकिन करवा चौथ के दिन जिन चीजों को आप दे रहे हैं उसका ध्यान आवश्य रखें। कुछ चीजें सौभाग्य से जुड़ी होने के कारण विशेष मौकों पर दान देना अशुभ माना गया है। इसलिए इस दिन किसी को भी दूध, दही, सफेद चावल, सफेद कपड़े या कोई भी सफेद वस्तु दान ना करें।
बड़ों का सम्मान
कोई भी पूजा बड़ों के आशीर्वाद बिना संपन्न नहीं होती, करवा चौथ के दिन भी पति-पत्नी दोनों ही अपने से बड़ों का आशीष अवश्य लें। लेकिन इस दिन उनसे छोटी-बड़ी किसी भी बात पर, किसी भी प्रकार की बहस या मतभेद से बचें। भूलकर भी उनसे अपशब्द ना कहें या उनका अपमान ना करें।
चांद की पूजा करवा चौथ का व्रत चांद की पूजा के बिना पूरा नहीं हो सकता, लेकिन ध्यान रखें कि इस पूजा से पहले आप गौरी की पूजा अवश्य कर लें। चांद निकलने से पहले भी आप यह पूजा कर सकती हैं।
Alok Mishra
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