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जयपुर पुलिस की अवैध वसूली, गुण्डागर्दी के विरोध में फैला जन आक्रोश, पुलिस गोली से मरा एक व्यक्ति!

Arun Mishra
10 Sep 2017 7:22 AM GMT
जयपुर पुलिस की अवैध वसूली, गुण्डागर्दी के विरोध में फैला जन आक्रोश, पुलिस गोली से मरा एक व्यक्ति!
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राजस्थानः जयपुर में पुलिस के डंडे के बाद तनाव, 1 की मौत, 4 थानों में कर्फ्यू,
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पुलिस की कार्यशैली के विरोध में जनता में फैले जन आक्रोश के कारण शहर की शांति व्यवस्था बिगड गई। देखते देखते हजारो व्यक्तियों का समूह शहर के रामगंज थाना के सामने विरोध प्रदर्शन के लिए उमड़ पड़ा। जनता में फैले पुलिस के प्रति गुस्से ने विकराल रूप धारण कर लिया। पुलिस वाहन सहीत 5 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। दर्जनों वाहनों में तोड़ फोड़ की गई और बिजली पावर हाउस भी आग के हवाले कर दिया।
इस घटना के मूल में जयपुर शहर जिला उत्तर पुलिस की विवादास्पद कार्य शेली का बड़ा योगदान है। पुराने जयपुर शहर की आबादी लगभग उत्तर जिला पुलिस के कार्यक्षेत्र में आती है। लम्बे समय से उत्तर जिला पुलिस के थानों में अवैध रूप से मारपीट करना, अवैध हिरासत में रखकर अवैध वसूली करना, थाने पर आने वाले फरियादी लोगो के साथ अभद्र व्यवहार करने के साथ लोगो को वर्दी के बल पर अपमानित करने की सैकड़ो घटनाए होती रही है। इन सब घटनाओ के कारण आमजन में पुलिस के प्रति गुस्सा धीरे धीरे बढ़ रहा था।
शहर के उत्तर जिले के अधिकांश थाना क्षेत्रो में बड़ी संख्या में मुस्लिम धर्मावलम्बी रहते है। समाज के इस वर्ग में शिक्षा का अभाव होने के कारण पुलिस पर मनमानी करने के आरोप लगते रहते है। उत्तर जिले के थाना संजय सर्किल, शास्त्री नगर, भट्टा बस्ती, रामगंज, गलटा गेट, कोतवाली, माणक चोक,सुभाष चोक बृह्मपूरी के थानों में इन दिनों जमकर अवैध वसूली के लिए मुस्लिम अपराधियों का उपयोग पुलिस करती है। शिक्षा से वंचित इस वर्ग के मोहल्लो में पुलिस स्वयं ही स्थानीय मुस्लिम गुंडों को अपराध करने के लिए प्रेरित करती है। इन सभी थानों में मानव तस्करी करके अवैध रूप से बिहार, बंगाल राज्यों से बाल श्रमिक को लाया जाता है।
मुस्लिम समाज के स्थानीय लोग किराये के लालच में यूपी, बिहार, बंगाल राज्यों के लोगो को ज्यादा पेसो के लालच में अपने मकान दुकान बिना किसी पुलिस तस्दीक के किराये पर दे देते है। अवैध रूप से बाल श्रमिको को लाकर फिर उनसे चूड़ी कारखाने में मजदूरी कराई जाती है। प्रत्येक चूड़ी कारखाने के मालिक से जयपुर शहर की उत्तर जिला पुलिस प्रतिमाह हजारो रूपये रिश्वत के रूप में वसूलती है। स्थानीय पुलिस की चौथ वसूली देने के बाद उत्तर प्रदेश, बिहार राज्यों के अपराधी फिर बेखोफ जयपुर शहर में पनाह लेकर कई बार जयपुर शहर में ह्त्या लूट की वारदाते कर के आराम से अपने राज्यों में भाग जाते है।
इसी प्रकार मुस्लिम मोहल्लो में पुराने अपराधियों की मदद से पुलिस जुए सट्टे के साथ स्मेक चरस तक बिकवाकर अपने घर भरती है। पुराने शहर की सड़को पर अवैध रूप से फुटपाथी व्यापारियों को बैठाकर करोडो की कमाई उत्तर पुलिस करती है। चांदपोल बाजार से रामगंज तक सड़क पर बैठने वाले दुकानदारो से प्रतिदिन सो से दो सो रूपये की दर से पुलिस की वसूली व्यापारियों के गुंडे टाईप व्यक्ति वसूलकर पुलिस को देते है। रामगंज थानाधिकारी अशोक चौहान की अवैध वसूली के अनेक किस्से शहर में सुने जाते है। रामगंज में लुहारो का खुर्रा, घाटगेट में बीच सड़क पर 15 से 20 फुट तक कब्जे करके दुकान लगाने वाले दुकानदारो से रामगंज पुलिस अवैध वसूली करती है। बास बदन पूरा चार दरवाजा क्षेत्र में अवैध रूप से बूचडखाने पुलिस चलवाती है।
पुलिस अपराधियों का गठजोड़ समुचे उत्तर जिला पुलिस के थानों में बन गया है। वर्दी वाले पुलिसजन और स्थानीय गुंडे रोजाना आम जनता से मारपीट करते रहते है। रामगंज में शाम ढलते ही बीच सड़क पर अवैध होटलों के टेबिल कुर्सी बिछ जाते है। आम आदमी के लिए सड़क से गुजरना मुहाल हो जाता है।सफ़ेद पोश अपराधी कयूम अख्तर के स्कूल में 150 से अधिक बच्चो के साथ अप्राकृतिक मैथुन करके उनकी सीडी बनाने वाले आरोपियों से रामगंज का पुलिस थाना मिल जाता है। पीड़ित बच्चो के माँ बाप रामगंज थाने पर प्रदर्शन करते है फिर भी न्याय नही मिलता है।
राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय से जनता को न्याय मिलता है इससे साबित होता है जयपुर के पुलिस के उच्च अधिकारी जनता को न्याय देने में विफल माने जाते है। वैसे पूर्व में भी अशोक चौहान पुलिसिये के कार्यकाल में प्रत्येक थाना जिसमे यह पदस्थ रहा है वहां पर जमकर भृष्टाचार किया गया है। चौमु थाने में अशोक चौहान के कार्यकाल में इसका थानेदार एक लाख बीस हजार रूपये रिश्वत के रूप में लेते हुए रंगे हाथो पकड़ा गया था। इस केस में भी यह भृष्ट पैसे के बल पर बचने में सफल हो गया था जबकि मुख्य मुजरिम यही था।
एक पुलिस कर्मी इसके कार्यकाल में रिश्वत लेने के आरोप में रामगंज थाने में भी पकड़ा गया है। राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख का स्पष्ट आदेश है कि किसी भी थाने में पुलिसकर्मी रिश्वत लेता पकड़ा जाएगा तो उस थाने के थाना प्रभारी को तत्काल हटाया जाएगा। अशोक चौहान जैसे बेईमान को जयपुर पुलिस के बेईमान उच्चअधिकारीयों के कारण ही रामगंज जैसा थाना मिला है। इस भृष्ट के कारण ही जयपुर के शांति सद्भाव पर कलंक लगा है। इसी क्रम में उत्तर जिले के थाना भट्टा बस्ती क्षेत्र में पुलिस के भृष्ट बेईमान थानेदार स्थानीय गुण्डे रासुका बंदी अयूब गोरी से मिलकर अपराध करवाते है।
राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश भी गोरी गुण्डे व् पुलिस के सामने बोने हो गये है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पूर्व में आदेश दिया था कि भट्टा बस्ती थाना क्षेत्र में अवैध बुचडखाने तत्काल बंद करके जीवित भेंस पेड भी यहाँ नही लाये जाएंगे। अब यहाँ अवैध रूप से पाडा भेंस के साथ मौका मिलते ही गाय तक काटी जा रही है। इस थाना क्षेत्र में दर्ज होने वाले ठगी के केसों में गोरी गुण्डे के सलाह पर पुलिस पैसे खाकर आरोपीयों के बजाय परिवादी की जांच करती है। दिन दहाड़े पार्को में, होटलों में जुआ सत्ता चल रहा है।
कांवटिया सर्किल पर भाजपाई राजकुमार का जुआ का कारोबार पुलिस की मदद से चल रहा है। कुछ समय पूर्व में इस थाना क्षेत्र में अवैध रूप से गौरी गुण्डे का बाजार भरता था जिसमे सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ कस्बे की सुक्ति नामक महिला की चेन लूट ली गई थी। इस बाजार में जेबे काटना, छेड़छाड़ करना, चेन लूट के काम पुलिस की नाक के नीचे होते थे। अवैध बुचड खानों के साथ स्मेक, चरस, अवैध शराब बेचने वालो से पुलिस की यारी है। विद्याधर नगर थाने में भी एक सिंघम गुण्डा लगा है। इस पुलिसिये के डंडे हमेशा गरीब के पीछ्वाडे के गेट बजाने का काम कर रहे है।
विद्याधर नगर क्षेत्र में कुछ दिनों पहले ही अवैध गांजा की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। वही परिवार अब पुन: पुलिस की मदद से गांजा चरस बेच रहा है। उत्तर जिले के पुलिस कप्तान सत्येन्द्र सिंह के पास में जनता की शिकायते नही जाती है, ऐसा भी नही है। इस जिले में जनता की शिकायत पर भृष्ट पुलिस थानेदारो से वसूली करके उन्हें पाक साफ़ होने का प्रमाण पत्र दिया जाता है। गाय माता को बूचड खानों में ले जा कर मेवाती कसाई भट्टा बस्ती में उसके साथ क्यों और किस प्रकार का अपराध करते है इसकी चिंता गाय माता के पुत्रो को नही है। हमने पूर्व में भी भट्टा बस्ती के अवैध बूचड खानों के बारे में लिखा था परन्तु हर बार की भाँती बेजुबान गाय माता की पीड़ा पर मेवाती कसाइयों के धन का प्रभाव पुलिस पर कुछ ज्यादा ही भारी होकर पुलिस की कमाई बढ़ा देता है।
हाल ही में जयपुर पुलिस आयुक्त संयय अग्रवाल साहब ने पुलिस के भृष्ट निरीक्षको को पुलिस लाईन में भेजकर जयपुर पुलिस की सफाई की है, परन्तु जो भृष्ट पुलिस कर्मी थानो में बैठकर अपराधियों से यारियाँ करके अपराध कर रहे है उन भृष्टो का भी थानों से कृष्ण मुख करने की आवश्यकता है। भृष्ट पुलिस थाना प्रभारियों के कारण ही जयपुर की सडको पर अवैध कब्जे करके व्यापारी बैठे है इस कारण यातायात जाम की स्थिति चार दिवारी क्षेत्र में सदैव बनी रहती है। रामगंज थाना क्षेत्र में बीच सड़क पर बैठने वाले व्यापारियों से पुलिस थाना प्रभारी पैसे खाते है इसे कोन देखेगा ? हाल ही में ब्रह्मपूरी थाना क्षेत्र में कर्बला की जमीन पर गुंडे कब्जे कर रहे है। आम जन की शिकायते जयपुर पुलिस आयुक्त तक जाने के बाद भी ब्रह्मपूरी थानेदार कुछ नही करता है। इस प्रकार के कारणों से पुलिस की छवि आम जनता में धूमिल हो रही है व पुलिस के प्रति आम जनता में आक्रोश बढता जा रहा है।
भट्टा बस्ती पुलिस की कार्यशैली के कारण क्षेत्र में रामगंज से भी ज्यादा पुलिस के प्रति जनता में आक्रोश बना हुआ है। अवैध बुचड खाने की दुर्गन्ध से सांस के रोग चमड़ी सम्बन्धी बीमारियाँ व् पेट की अनेक बीमारियाँ स्थानीय निवासियों को हो रही है। घर घर में इस प्रकार की बिमारियों के रोगी बढ़ रहे है। एक सिपाही के डंडा मरने के कारण एक व्यक्ति प्रभावित होता है। समाज का बड़ा वर्ग पुलिस के विरोध में सड़क पर उतर कर मरने मारने के लिए तैयार हो जाए । आगजानी करके कानून हाथ में लेने लग जाए । इसके लिए भृष्ट पुलिस थानेदारो और जयपुर शहर उत्तर जिले के पुलिस कप्तान की कार्यशैली संदेह के घेरे में है। देखना यह है कि क्या भृष्ट पुलिसजनो के अवैध कार्यो पर जयपुर पुलिस आयुक्त नकेल कस पाएंगे ?

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लेखक : मो. हफीज, व्यूरो चीफ, राजस्थान
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