- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
खुले में शौच' जाने के बाद नहीं लौटी 'रत्ना, लापता किशोरी का टुकड़ों में मिला कंकाल
शिव कुमार मिश्र
11 Sep 2017 10:51 AM GMT
x
Opening after open defecation 'Ratna did not return'
कौशाम्बी के बेरुआ गांव में रविवार सुबह दस दिन पहले गायब हुई किशोरी का झाड़ियों के बीच टुकड़ों में कंकाल मिला। घटना से इलाके में सनसनी फैल गई। हत्या से पहले गैंगरेप की भी आशंका जताई जा रही है। जघन्य वारदात से पीड़ित परिवार में कोहराम मच गया है। सूचना के बाद पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से छानबीन कर रही है।
चरवा इलाके के बेरुआ गांव का शारदा प्रसाद मजदूरी करके परिवार चलाता है। उसकी 14 वर्षीय बेटी रत्ना 30 अगस्त की सुबह खेतों की ओर शौच के लिए गई थी। इसके बाद लौटकर नहीं आई। दो सितम्बर को रत्ना की मां संजू देवी ने पड़ोसी गांव मोहसिनी निवासी बनवारी और उसके भतीजे संजय के खिलाफ बेटी को भगा ले जाने का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी। इसी बीच रविवार सुबह बेरुआ गांव में ही आम की बाग के बीच झाड़ियों में एक कंकाल मिला। जिसमें शरीर का पूरा हिस्सा नहीं था।
मौके पर पहुंचे रत्ना के परिजनों ने कपड़ा और पास में पड़ा लोटा देखने के बाद दावा किया कि शव रत्ना का ही है। परिवार वालों ने सामूहिक दुष्कर्म की भी आशंका जताई है। पुलिस ने पंचनामा करके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कंकाल की शिनाख्त के लिए पुलिस डीएनए कराने की बात कह रही है। सनसनीखेज वारदात से पीड़ित परिवार के सदस्यों की रो-रोकर हालत खराब है।
कंकाल के डीएनए का निर्णय पुलिस ने कहीं न कहीं ठीक ही लिया है। दरअसल कंकाल शरीर के पूरे हिस्से का नहीं था। एक खोपड़ी और पैर हाथ की हड्डी मिली है। छाती समेत कई अंग गायब हैं। रत्ना के परिजन सिर्फ लोटा और कपड़े के आधार पर शिनाख्त का दावा कर रहे हैं। जबकि पुलिस ये बात मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में मामला काफी उलझ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि डीएनए हुआ तो साफ हो जाएगा कि कंकाल रत्ना का है अथवा नहीं।
'खुले में शौच' जाने के बाद नहीं लौटी 'रत्ना'
बेरुआ गांव में हुई घटना ने स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाकर दी हैं। मौत का शिकार हुई रत्ना के घर शौचालय बना होता तो शायद वह 'खुले में शौच' नहीं जाती। रत्ना खेतों की ओर गई और फिर लौटकर नहीं आई। परिजनों का दावा है कि रविवार सुबह उसका कंकाल मिला।
स्वच्छ भारत मिशन को कामयाब बनाने में शासन ने एंड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। लेकिन, जिले के अफसर हैं कि मनमानी की हद पार किए हुए हैं। अधिकारियों की फाइलों में तमाम गांव ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) हो चुके हैं। पर, हकीकत चौंकाने वाली है। अभी भी तमाम दोआबावासी एक अदद शौचालय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। शुविधा शुल्क नहीं देने पर गरीबों के घर शौचालय नहीं बनवाया जाता। बेरुआ गांव की रत्ना भी सिस्टम की इसी बेपरवाही का शिकार हुई। उसके घर में आजतक शौचालय नहीं बनवाया गया है। इसीलिए 30 अगस्त को वह खेतों की ओर शौच करने गई थी। नजीता सबके सामने है।
संजू, मृतक रत्ना की माँ
रत्ना की मौत से उसके परिवार के सदस्यों की रो-रोकर हालत खराब है। रविवार को कंकाल मिलने के बाद पिता शारदा प्रसाद छाती पीटकर रो रहा था। मां संजू तो बार-बार बेहोश हो जाती थी। इन्हें ढाढस बंधाने में ग्रामीणों की भी आंखें भर आईं। रत्ना अपने मां-बाप की सबसे बड़ी संतान थी। उससे छोटी रीना और फिर मासूम श्याम है। इन बच्चों की आंखों में भी आंसुओं का सैलाब है।
शिव कुमार मिश्र
Next Story