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कागज में लिखा था कुछ ऐसा कि टीचर ने उतरवाए 88 लड़कियों के कपड़े, जानें पूरा मामला...

आनंद शुक्ल
30 Nov 2017 9:33 AM GMT
कागज में लिखा था कुछ ऐसा कि टीचर ने उतरवाए 88 लड़कियों के कपड़े, जानें पूरा मामला...
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ईटानगर के न्‍यू सागाली इलाके के कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का है। जिन लड़कियों को सजा दी गई वो पांचवीं और आठवीं क्‍लास में पढ़ती हैं। टेलीग्राफ ने पीसीसी की प्रवक्‍ता मीना टोको के हवाले से बताया है कि...

ईटानगर: स्कूलों में छात्र-छात्रों के साथ दुर्व्यवहार के कई मामले सामने आते रहते हैं। कभी शिक्षकों की तरफ से छात्रों को बेरहमी पीटे जाने का मामला हो या छात्राओं को अपशब्द कहने का या फिर यौन उत्पीड़न का मामला हो, समय-समय पर यह मीडिया की सुर्खीयां बनती है। लेकिन इस बार अरुणाचल प्रदेश के एक गर्ल्स स्कूल से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे पढ़कर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या स्कूलों में छात्राओं के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किया जा सकता है।

दरअसल, अरुणाचल प्रदेश के एक गर्ल्स स्कूल में शिक्षकों ने कक्षा छठी और सातवीं की 88 छात्राओं के कपड़े उतरवा दिए और इसके पीछे की वजह थी कि किसी छात्रा के पास से एक चिट मिला जिसमें छात्रा ने प्रधानाध्यापक के खिलाफ कुछ अपशब्द लिखे थे।
मामला ईटानगर के न्‍यू सागाली इलाके के कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का है। जिन लड़कियों को सजा दी गई वो पांचवीं और आठवीं क्‍लास में पढ़ती हैं। टेलीग्राफ ने पीसीसी की प्रवक्‍ता मीना टोको के हवाले से बताया है कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। टोको का कहना है, 'इस तरह के जघन्‍य कुकृत्‍य से बच्‍चों पर मनोवैज्ञानिक दृष्टि से गंभीर प्रभाव पड़ता है। बच्‍चों की इज्‍जत से खेलना कानून और संविधान के खिलाफ है। स्‍टूडेंट्स को अनुशासित बनाना एक टीचर की जिम्‍मेदारी और प्रतिबद्धता है।'
सजा के बारे में बातचीत करते हुए मीना टोको ने कहा कि बच्‍चों के कपड़े उतरवाना किसी भी लिहाज से सही नहीं है। इस तरह की सजा देना बच्‍चों के अधिकारों का उल्‍लंघन है और अध‍िकार‍ियों को इस मामले की गहन जाचं करनी चाहिए। वहीं एसपी तुम्‍मे अमो ने बताया कि सागाली पुलिस को मंगलवार को मामले की श‍िकायत मिली है। हालांकि पीड़‍ित बच्‍चों के घरवालों की तरफ से कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

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