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शरद की राज्यसभा सीट के जदयू के ये है दो दावेदार!

शरद की राज्यसभा सीट के जदयू के ये है दो दावेदार!
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राज्‍य सभा में शरद यादव के उत्‍तराधिकारी बनने के लिए जदयू के में दो नेता प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। इसमें एक भूमिहार नेता बिहार से है तो दूसरे ब्राह्मण नेता दिल्ली से हैं। मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व सांसद और पार्टी महासचिव केसी त्‍यागी का दावा सबसे पुख्‍ता बनता है। वे पिछले साल भी राज्‍यसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्‍मीदवार थे, लेकिन नीतीश कुमार ने उनकी जगह पर स्‍वजातीय आरसीपी सिंह को राज्‍यसभा में दुबारा भेजा।


शरद यादव को राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा दिलवाकर और नीतीश को अध्‍यक्ष बनवाने में सबसे बड़ी भूमिका का निर्वाह यूपी के भूमिहार नेता केसी त्‍यागी ने किया था। इस कारण उनका दावा प्रमुख माना जा रहा था, लेकिन कुर्मी और भूमिहार के रेस में जीत कुर्मी की हुई। फिर भी केसी त्‍यागी की 'नीतीश निष्‍ठा' कम नहीं हुई। शरद-नीतीश की लड़ाई में केसी त्‍यागी नीतीश के पक्ष में खुलकर डटे रहे हैं।



राज्‍यसभा के लिए दूसरे प्रमुख उम्‍मीदवार संजय झा हैं। अभी वे जदयू के राष्‍ट्रीय महासचिव हैं। पहले वे भाजपा के विधान परिषद सदस्‍य थे। लेकिन बाद में जदयू में शामिल हो गये। नीतीश कुमार ने उनका वित्‍तीय पोषण के लिए कई बार उन्‍हें लाभ के पदों नियुक्‍त किया। वे दरभंगा से लोकसभा चुनाव में जदयू के उम्‍मीदवार भी थे। संजय झा भाजपा नेता अरुण जेटली के काफी करीबी रहे हैं। नीतीश व जेटली के बीच दूत की भूमिका का निर्वाह करते रहे हैं। भाजपा और जदयू जब अलग-अलग थे, तब भी अरुण जेटली और नीतीश कुमार के संबंधों में मिठास बरकरार थी। इस मिठास का 'स्‍वाद' संजय झा को मिलता रहा था।

एक बार फिर नीतीश कुमार को एक व्‍यक्ति को राज्‍यसभा की राह दिखाने का मौ‍का मिला है। इस दौर में कोई कुर्मी दावेदार भी नहीं है। भाजपा के सुशील मोदी का वरदहस्‍त भी संजय झा के साथ है। वैसे माहौल में केसी त्‍यागी पर संजय झा भारी पड़ सकते हैं। फिर बिहारी और बाहरी का मुद्दा भी संजय झा के पक्ष को मजबूत करता है।

बता दें कि अगर अली अनवर की राज्‍यसभा सदस्‍यता समाप्‍त होती है तो उनकी जगह पर उपचुनाव होगा या नहीं, अभी तय नहीं है। क्‍योंकि उनका कार्यकाल कुछ महीने ही शेष रह गया है। सीट रिक्‍त होने और चुनाव होने के बीच छह माह से कम समय बच रहा होगा तो उस सीट पर उपचुनाव की संभावना समाप्त हो जाएगी।
वीरेंद्र यादव पटना

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