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सांझी विरासत से सशक्त धुरी बनते शरद यादव

सांझी विरासत से सशक्त धुरी बनते शरद यादव
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अरविन्द विद्रोही
नई दिल्ली: पुराने समाजवादी शरद यादव इन दिनों कई राजनैतिक मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं। चुनाव आयोग में जनता दल यू पर अधिकार ,संग़ठन विस्तार के साथ साथ वर्तमान सरकार और सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी के खिलाफ विभिन्न दलों के एकीकरण और साझा राजनैतिक कार्यक्रम के द्वारा मोर्चेबंदी के काम को अंजाम तक पहुँचाने के एक मुश्किल काम में धुर समाजवादी नेता शरद यादव लगे हुए हैं। बीते कल 14 सितम्बर को शरद यादव जी के नेतृत्व में जयपुर में सांझी विरासत के तहत तमाम विपक्षी दलों के दिग्गजों का जुटान हुआ ,कुछ नदारत भी हो गए।

सांझी विरासत बचाओ सम्मेलन में स्वाभाविक रूप से कांग्रेस, जेडी (यू), सीपीआई (एम), आरजेडी, आरएलडी सहित विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आड़े हाथों लिया। साझा विरासत अभियान के संयोजक और वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने कहा कि 2014 के चुनाव में आज की विपक्षी पार्टियां बिखरी हुई थी यही कारण रहा कि मात्र 31 फीसदी वोट पाकर भाजपा नीत सरकार बन गई। 2014 में 69 फीसदी जनता ने आज के राज के खिलाफ वोट दिया लेकिन जिनको 69 फीसदी वोट मिला वे पार्टियां बिखरी हुई थी। यही संकट रहा कि 69 फीसदी वोट वाले लोग बाहर है और 31 फीसदी वाले सत्ता में हैं। हम संविधान में विश्वास कर 69 फीसदी लोगों को एकजुट कर राष्ट्र बचाने का काम करेंगे।

सांझी विरासत बचाओ सम्मेलन की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका नेतृत्व शरद यादव सरीखा दिग्गज वरिष्ठ धुर समाजवादी खुद कर रहें हैं।
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