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गोरखपुर मामला- ऑक्सीजन देने वाली कंपनी का मालिक देवरिया से गिरफ्तार

आनंद शुक्ल
17 Sep 2017 6:15 AM GMT
गोरखपुर मामला- ऑक्सीजन देने वाली कंपनी का मालिक देवरिया से गिरफ्तार
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बाबा राघवदास मेडिकल कालेज गोरखपुर में 30 बच्चों की मौत के मामले में नामजद नौ लोगों में से अंतिम तथा नौंवा आरोपी भी आज गिरफ्तार कर लिया गया। ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के मनीष भंडारी को सीओ कैन्ट ने देवरिया बाइपास से गिरफ्तार कर लिया।

बाबा राघवदास मेडिकल कालेज गोरखपुर में 30 बच्चों की मौत के मामले में नामजद नौ लोगों में से अंतिम तथा नौंवा आरोपी भी आज गिरफ्तार कर लिया गया। ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के मनीष भंडारी को सीओ कैन्ट ने देवरिया बाइपास से गिरफ्तार कर लिया। मनीष भंडारी मुकदमा दर्ज होने के बाद से फरार चल रहा था। हाल ही में कोर्ट ने मनीष भंडारी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। लखनऊ का रहने वाला मनीष भंडारी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स का मालिक है। विवेचक शाम को उसे रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश करेंगे।

ये था आरोप

250 करोड़ टर्नओवर करने वाली पुष्पा सेल्स प्राइवेट कंपनी ने लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरा नहीं कर पाई थी. ये काम क्रिमिनल एक्ट की कैटेगरी में आता है। 3 अगस्त को जानकारी दिए जाने के बाद भी इन्होंने ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी। पुष्पा सेल्स का टर्नओवर 250 करोड़ का है। इस कंपनी की बेस वैल्यू 21 करोड़ रुपए है और वर्ष 2010-11 में कंपनी का टर्नओवर 250 करोड़ रुपए रहा था।इतनी बड़ी कंपनी होने और वर्षों से काम करते रहने के बावजूद 63 लाख रुपए के लिए मनीष ने ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी।

कंपनी ने 2014 में इस अस्पताल में सप्लाई शुरू की थी। पेमेंट का यह झगड़ा 23 नवंबर 2016 से शुरू हुआ। पुष्पा सेल्स कंपनी की शुरुआत मनीष के पिता चंद्रशेखर भंडारी ने 1985 में की थी। इनका हेड ऑफिस लखनऊ में और कॉर्पोरेट ऑफिस नई दिल्ली में है। कंपनी में पांच लोगों को डायरेक्टर बनाया गया है। इस समूह की एक और कंपनी पुष्पा हेल्थकेयर सर्विसेज भी है। 2003 में शुरू हुई यह कंपनी ऑपरेशन थिएटर को हाईटेक बनाने के इक्यूपमेंट, ऑपरेशन थिएटर की एलईडी लाइट आदि बनाने का काम करती है। कंपनी में अभी 200 कर्मचारी काम करते हैं।

क्या है मामला?

बीआरडी मेडिकल कालेज में 10 व 11 अगस्त को बालरोग विभाग में 30 से अधिक मासूमों की मौत हो गई थी। इसके अलावा मेडिसिन में भी 18 मरीजों की मौत हो गई। इस घटना के बाद शासन ने मुख्य सचिव की अगुआई में जांच टीम गठित की। रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस कार्यवाई कर रही है।

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