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डिप्टी सीएम के जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल, अस्पताल से बाइक पर शव लेकर घर गए परिजन
Arun Mishra
16 Sep 2017 10:44 AM GMT
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डिप्टी सीएम केशव मौर्य के जिले में शुक्रवार को स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई। घायल युवक की जिला अस्पताल में मौत के बाद डॉक्टरों ने लापरवाही की सारे हदें पार कर दी।
कौशाम्बी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य के जिले में शुक्रवार को स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई। घायल युवक की जिला अस्पताल में मौत के बाद डॉक्टरों ने लापरवाही की सारे हदें पार कर दी। शव घर ले जाने के लिए जिम्मेदार लोग शव वाहन तक उपलब्ध नहीं करा पाए। आखिर में परिजन लाश को बाइक पर रखकर ले गए। इस शर्मनाक घटना के बाद महकमे के अफसर इस पर पर्दा डालने की घंटों कोशिश में लगे रहे।
करारी के उखइया खास (इस्माइलपुर) का लालता प्रसाद (30) मजदूरी करके परिवार चलाता था। शुक्रवार सुबह वह लकड़ी तोड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ा था। पैर फिसलने से वह गिर गया। आसपास मौजूद लोग दौड़े और परिजनों को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंचे परिजन लालता को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। वहां चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव ले जाने के लिए परिजन अस्पताल के जिम्मेदार लोगों से वाहन की मांग की। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी वाहन नहीं मिला तो गुस्साए पीड़ित परिजन मजबूर होकर बाइक से ही लाश लेकर घर के लिए निकल पड़े।
अस्पताल में ड्यूटी पर रहे जिम्मेदार लोग यह देखते रहे लेकिन किसी का भी दिल नहीं पसीजा कि उन्हें रोकर शव वाहन उपलब्ध करा दें। डॉक्टरों ने शव वाहन क्यों नहीं उपलब्ध कराया? इसका सही जवाब अब किसी के पास नहीं है। ये है नियम : प्रभारी सीएमएस डॉ. अरविंद कनौजिया का कहना है कि जिला अस्पताल में इलाज के दौरान किसी की मौत हो या फिर या फिर घायल को लाने पर मौत की पुष्टि हो, दोनों स्थिति में लाश को ले जाने के लिए सरकारी शव वाहन की व्यवस्था है।
आशंका होने पर पुलिस को सूचना देकर शव का पोस्टमार्टम कराए जाने का भी नियम है। प्रभारी सीएमएस डॉ. अरविंद कनौजिया ने बताया कि लाश घर भेजने के लिए डॉक्टर ने शव वाहन बुलाया था। परिवार वालों ने वाहन का इंतजार ही नहीं किया और शव लेकर घर चले गए। सीएमएस डॉ. दीपक सेठ का कहना है कि मैं तीन दिन से अवकाश पर हूं। मुझे मामले की जानकारी नहीं है। डॉक्टर ने शव वाहन की व्यवस्था जरूर की होगी। इतनी बड़ी लापरवाही कैसे संभव है।
रिपोर्ट : नितिन अग्रहरि
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