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शशिकला के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा, 1430 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा

Vikas Kumar
14 Nov 2017 5:12 AM GMT
शशिकला के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा, 1430 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा
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आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चेन्नै में शशिकला के संबंधियों और जया टीवी के ठिकानों पर छापे में अकूत बेनामी संपत्ति का पता चला है...

तमिलनाडु : ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) की नेता वीके शशिकला के परिवार से जुड़े ठिकानों पर आयकर छापे में बड़ा खुलासा हुआ है। तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व सीएम जयललिता की करीबी शशिकला आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में बेंगलुरु की जेल में बंद हैं।

आयकर अधिकारियों ने विभिन्न शहरों में शशिकला, उनके रिश्तेदार और सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर आयकर छापे में 1,430 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगा है। वहीं छापे में बरामद इस अघोषित संपत्ति को लेकर पूछताछ के लिए टैक्स अधिकारियों ने शशिकला के भतीजे और जया टीवी के प्रमुख विवेक जयरमन को तलब किया है।

आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चेन्नै में शशिकला के संबंधियों और जया टीवी के ठिकानों पर छापे में अकूत बेनामी संपत्ति का पता चला है। आईटी डिपार्टमेंट के मुताबिक इस दौरान छापेमारी में 1400 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय का पर्दाफाश हुआ है। छापे में क्या-क्या दस्तावेज और वस्तुएं बरामद हुईं, इस बारे में अभी आधिकारिक बयान नहीं आया है।

आयकर विभाग के अधिकारियों ने टैक्स चोरी के शक में बीते गुरुवार को राज्य के विभिन्न शहरों में स्थित 188 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। तलाशी अभियान तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, बेंग्लुरु और हैदराबाद के उन स्थानों पर चलाया गया जो शशिकला से जुड़े थे। ये सारे ठिकाने शशिकला, उनके भतीजे टीटीवी दीनाकरण और तमिल चैनल जया टीवी से जुड़े हैं।

चेन्नई में एक वरिष्ठ कर अधिकारी ने कहा कि छापे में सात करोड़ रुपये से अधिक नकदी तथा पांच करोड़ रुपये मूल्य के आभूषण बरामद किये गये हैं। अधिकारी ने कहा, कई संदिग्ध दस्तावेज और 1,430 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया गया।

वहीं, दिल्ली में एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने कहा कि विभिन्न शहरों में तलाशी के दौरान करीब 1,500 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया गया है। अधिकतर शहर तमिलनाडु में हैं। आयकर विभाग से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, जयरमन के 100 बैंक खाते फ्रीज़ किए गए हैं. ये सभी खाते फर्जी कंपनियों के नाम पर चल रहे थे।

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