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पर्यावरण के लिए सर्वाधिक घातक हमारा स्मार्टफोन और डाटा सेंटर

SCN Team
5 March 2018 3:29 PM GMT
पर्यावरण के लिए सर्वाधिक घातक हमारा स्मार्टफोन और डाटा सेंटर
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टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को आसान करने में अहम् भूमिका निभा रही है लेकिन दूसरे तरफ इसके कई दुष्परिणाम भी सामने आ रही है। स्मार्टफोन की बात करे तो यह मिलो तक की दुरी को समेत दिया है जिसे चंद ही मिनटों में पूरा कर देता है लेकिन यह टेक्नोलॉजी हमारे भविष्य के लिए किस तरह घातक है इससे अभी कोई परिचित नहीं है।
टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को आसान करने में अहम् भूमिका निभा रही है लेकिन दूसरे तरफ इसके कई दुष्परिणाम भी सामने आ रही है। स्मार्टफोन की बात करे तो यह मिलो तक की दुरी को समेत दिया है जिसे चंद ही मिनटों में पूरा कर देता है लेकिन यह टेक्नोलॉजी हमारे भविष्य के लिए किस तरह घातक है इससे अभी कोई परिचित नहीं है।
एक अध्ययन में सामने आया की सूचना और संचार प्रधोगिकी के क्षेत्र में स्मार्टफोन और डेटा सेंटर ऐसी चीजें है जो 2040 तक के वातावरण के लिए काफी घातक होगा। इसकी वजह अत्यधिक ऊर्जा का दोहन करना है।
तेजी से विस्तार कर रही है इंडस्ट्रीज: कनाडा स्थित मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए शोध में यह बात कही गई। शोधकर्ताओं ने स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, और डेटा सेंटर नेटवर्क का भी अध्ययन किया।
2020 में ही बेहद नुकसानदेह: शोधकर्ताओं का कहना है कि स्मार्टफोन पर्यावरण के लिए 2020 तक किसी भी चीज से नुकसानदेह होगा। स्मार्टफोन चिप और मदरबोर्ड के लिए भी बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ये कीमती धातुओं से बनी होती है, जिसकी कीमत काफी अधिक होती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, स्मार्टफोन की उम्र भी कम होती है।
ये सभी को नजरअंदाज करते हुए फिर भी स्मार्टफोन कंपनी स्मार्टफोन को बनाता है। आसान शब्दो में कहे तो कंपनियो द्वारा स्मार्टफोन के निर्माण और उसका ख़राब होना उनके लिए सतत प्रक्रिया बन गई है।
SCN Team

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