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राम मंदिर मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया था। कर्नाटक के उडुपी में चल रही धर्म संसद के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के 'राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर' बयान पर घमासान शुरू हो गया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के मुखिया और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर संघ और बीजेपी पर निशाना साधा। ओवैसी ने दावा किया है कि संघ और बीजेपी राम मंदिर पर 'निंदनीय' बयान देकर गुजरात चुनाव में इसका राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस आग से खेल रहा है और सुप्रीम कोर्ट इस पर संज्ञान लेगा। वहीं बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने भागवत को बड़ा दूरदर्शी बताते हुए कहा कि संघ प्रमुख सौ फीसदी सही बोल रहे हैं।
भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद पर 5 दिसंबर को सुनवाई से पहले बीजेपी और संघ 'भय का वातावरण' बनाना चाहते हैं। उन्होंने आशा जताई कि सुप्रीम कोर्ट इस घृणित षडयंत्र पर संज्ञान लेगा। उन्होंने कहा, 'यह बयान (मोहन भागवत) का न देश के लिए अच्छा है और न ही देश के सुप्रीम कोर्ट के लिए।'
AIMIM प्रमुख ने कहा कि आरएसएस प्रमुख एक तरह से सुप्रीम कोर्ट को प्रभावित करना चाहते हैं या दबाव डालना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'आशा करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर संज्ञान लेगा कि किस तरह से सरकार, बीजेपी और आरएसएस पूरे देश में तनाव का माहौल बनाना चाहते हैं। जब पांच दिसंबर को सुनवाई होनी है तो इसे देशभर में राजनीतिक मुद्दा बनाओ ताकि राजनीतिक फायदा लिया जा सके।' ओवैसी ने आरोप लगाया कि आरएसएस इसके जरिए गुजरात और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में फायदा लेना चाहता है। उन्होंने कहा, 'यह एक नाजुक मसला है और आरएसएस इस तरह के निंदनीय बयान देकर आग से खेल रहा है। हमें आशा है कि सुप्रीम कोर्ट साक्ष्यों के आधार पर फैसला देगा न कि केवल आस्था के आधार पर।
इससे पहले शुक्रवार को राम मंदिर मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया था। कर्नाटक के उडुपी में चल रही धर्म संसद के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा। धर्म संसद में आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'राम जन्मभूमि पर राम मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं बनेगा। उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगवानी में बनेगा, जो इसका झंडा उठाकर पिछले 20-25 वर्षों से चल रहे हैं।'
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