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मुजफ्फरपुर में दर्दनाक हादसा, बागमती में डूबने से 2 सगे भाई समेत तीन बच्चों की मौत

सुजीत गुप्ता
20 Nov 2021 3:36 PM GMT
मुजफ्फरपुर में दर्दनाक हादसा, बागमती में डूबने से 2 सगे भाई समेत तीन बच्चों की मौत
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मृत आलोक और आयुष की मां का रो-रोकर बुरा हाल है

मुजफ्फरपुर में बागमती नदी में डूबने से 2 भाइयों समेत 3 बच्चों की मौत हो गई। मामला अहियापुर थाना क्षेत्र के शिवराहा वासुदेव गांव का है। तीनों इसी गांव के रहने वाले थे। मृतकों की पहचान अमित कुमार के पुत्र आलोक कुमार (9), आयुष कुमार (8) और अजय कुमार के पुत्र अंकित कुमार (7) के रूप में हुई है। घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है।

अजय नवनिर्वाचित पंचायत समिति सदस्य हैं। पुलिस ने तीनों के शव को बरामद करने के बाद पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। मुशहरी सीओ सुधांशु शेखर ने मुआवजे के रूप में मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख का चेक सौंपा है। पुलिस ने परिजनों के बयान पर यूडी केस दर्ज किया है। घटना से बच्चों की मां और अन्य परिजनों की स्थिति खराब है।

परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को बच्चों ने सामा-चकेवा का विसर्जन घर से 500 मीटर की दूरी पर बागमती में की थी। शनिवार की दोपहर 12 बजे के बाद कुछ बच्चे इसके अवशेष देखने गए थे। इस बीच आलोक का पैर फिसल गया। उसे बचाने के लिए आयुष और अंकित ने हाथ पड़ा, लेकिन बारी-बारी से तीनों नदी में चले गए। इसके बाद बाकी बच्चे शोर मचाते गांव भी ओर भागे। जबतक परिजन पहुंचते, तीनों डूब चुके थे।

चर्चा यह भी है कि बच्चे वहां खेल रहे थे। बाल निकालने नदी की उपधारा में गए थे। हालांकि, मौके से खेल सामग्री नहीं मिली है। ग्रामीणों ने जाल फेंककर तीनों के शव बाहर निकाले। सूचना पर अहियापुर पुलिस भी मौके पर पहुंची। थानेदार विजय कुमार ने बताया कि परिजन का बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। पीड़ित परिवार को आपदा कोष से मुआवजे का चेक दिया गया है।

आलोक व आयुष के पिता अमित ने बताया कि वह मेहनत-मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। बच्चों को पढ़ा-लिखाकर बेहतर इंसान और सरकारी अफसर बनते देखना चाहते थे। उनकी उम्मीद एक झटके में समाप्त हो गई। आयुष और आलोक घर से खाना खाने के बाद खेलने जाने की बात कहकर निकले थे।

7 साल के अंकित की फाइल फोटो।


अमित कुमार की पत्नी विभा देवी बच्चों व एक बहन को लेकर जीरोमाइल स्थित किराये के मकान में रहती थी। आलोक व आयुष को वहां के एक निजी स्कूल में पढ़ाती थी। दोनों दूसरी कक्षा में पढ़ते थे। छठ में गांव आए थे। तब से गांव में ही रुके थे। विभा अपने बच्चों की पढ़ाई के प्रति काफी सजग थी। उसने अपनी चार बहनों को भी पढ़ाकर इंटर पास कराया है। बेटों की मौत से वह सदमे में चली गई है।

सुजीत गुप्ता

सुजीत गुप्ता

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