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बेटे की खोज कर रहे पिता ने चलाई 1500 किमी साइकिल, पुलिस आई अब आगे
आनंद शुक्ल
4 Dec 2017 8:04 AM GMT
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बेटे की तलाश में 1500 किलोमीटर से ज्यादा साइकिल चलाने के बाद भी एक पिता न तो थका और न रुका है। वह आज भी अपने बेटे को ढूंढने के लिए शहर-शहर और गांव-गांव भटक रहा है।
आगरा: बेटे की तलाश में 1500 किलोमीटर से ज्यादा साइकिल चलाने के बाद भी एक पिता न तो थका और न रुका है। वह आज भी अपने बेटे को ढूंढने के लिए शहर-शहर और गांव-गांव भटक रहा है। पांच महीने पहले गायब हुए अपने बेटे की तलाश के लिए पिता जब पुलिस के पास गया तो उसे वहां से कोई मदद नहीं मिली। पुलिस से नाउम्मीद होकर खुद अपने बेटे को ढूंढने निकले इस पिता को उम्मीद है कि एक दिन उनका बेटा जरूर मिलेगा। वहीं, मीडिया में पिता की यह दर्दभरी रिपोर्ट आने के बाद पुलिस अब उनकी सहायता के लिए हरकत में आई है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सासनी के गांव द्वारिकापुर निवासी सतीशचंद्र पुत्र भूदेव प्रसाद का बेटा गोदना (11) 24 जून 2017 की सुबह लापता हो गया। वह एक किलोमीटर दूर गांव ममौता कलां स्थित शिशु मंदिर में पढ़ने गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। सतीशचंद्र ने 28 जून को कोतवाली सासनी में शिकायत की थी। सतीश का आरोप है कि वहां उससे प्रार्थना पत्र ले लिया गया लेकिन उसकी कोई मदद नहीं की गई। तलाश करने के बाद उसे ग्रामीणों से पता चला कि वह शाम के समय रेलवे ट्रेक पर खड़ी ट्रेन पर चढ़ गया था। जिसके बाद सतीश चंद्र ने साइकिल से रेलवे ट्रेक के सहारे बेटे को ढूंढना शुरू कर दिया।
कई शहरों में की तलाश
सतीशचंद्र के पास इतने रुपये भी नहीं थे कि वह कुछ और कर सकें। इसलिए वह साइकिल लेकर बेटे को खोजने निकले। वह कई शहरों में लगातार भूखा प्यासा रहकर साइकिल चलाते रहे। गांवों में रुककर बेटे की फोटो दिखाकर उसके बारे में पूछते। इस दौरान उन्होंने 1,500 किलोमीटर साइकिल चलाई और आगरा पहुंचे। सतीशचंद्र का कहना है कि वे साइकिल से आगरा, कानपुर, झांसी, मीना, रेवाड़ी, दिल्ली आदि जगह जाकर बच्चे की तलाश कर चुके हैं। उनका दावा है कि बेटे की तलाश में वे अब तक 1500 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी साइकिल से तय कर चुके हैं। दिन में वे साइकिल चलाकर बेटे की तलाश करते हैं और जिस गांव या शहर में शाम होती हैं वह वहीं रुक जाते हैं और अगली सुबह फिर अपने बेटे की तलाश में निकल पड़ते हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता ने की मदद
बेटे की तलाश में हैरान कर देने वाला यह मामला सामने आने पर आगरा के एक सामाजिक कार्यकर्ता सतीशचंद्र की मदद के लिए आगे आए और उन्होंने सोशल मीडिया में अभियान चलाया। हाथरस के एएसपी दिनेश कुमार ने बताया कि वे लोग सतीश के संपर्क में हैं। उनसे केस की सारी जानकारी ली जा रही है। उनके बेटे को खोजने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। हाथरस पुलिस ट्विवटर पर भी लोगों से सहयोग मांग रही है।
आगरा के अखबारों में यह मामला उछलने और ट्विटर पर की गई शिकायत के बाद हाथरस पुलिस इस मामले में हरकत में आई। सासनी पुलिस आनन-फानन सतीशचंद्र के गांव पहुंची, वहां पता चला कि वह बेटे की तलाश में 10 दिनों से बाहर है। इसके बाद एक दिसंबर को अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई।
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