- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
सीएम योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
Arun Mishra
22 Feb 2018 9:33 AM GMT
x
बता दें कि 11 साल पहले 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था?
इलाहबाद : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. साल 2007 में गोरखपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे के मामले में सीएम योगी सहित अन्य बीजेपी नेताओं पर मुकदमा चलाने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है. सीएम योगी के अलावा इस मामले में कई और लोग भी अभियुक्त थे. योगी पर 2007 में 'नफरत फैलाने वाला भाषण देने' का आरोप लगाया गया था.
इस याचिका में अपील की गई थी कि सीएम योगी और अन्य बीजेपी नेताओं पर मुकदमा चलाया जाए और मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. लेकिन हाईकोर्ट के जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एसी शर्मा की डिवीजन बेंच ने याचिका खारिज कर दिया है.
बता दें कि 11 साल पहले 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था. इस दंगे में दो लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे. इस दंगे के लिए तत्कालीन सांसद व मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ, विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी पर भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने का आरोप लगा था. कहा गया था कि इनके भड़काऊ भाषण के बाद ही दंगा भड़का था.
इस मामले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी के कई नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. इस मामले में राज्य सरकार ने पिछले साल आदित्यनाथ योगी को अभियुक्त बनाने से ये कहकर मना कर दिया था और कहा था कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं.
याचिकाकर्ता परवेज़ परवाज़ की याचिका पर न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और एसी शर्मा की बेंच ने सुनवाई कर लम्बी बहस के बाद 18 दिसम्बर 2017 को निर्णय सुरक्षित रख लिया गया था.
Next Story