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गौतमनगर को इस्लामनगर बनाने से अमरोहा के दलित दहशत में!

गौतमनगर को इस्लामनगर बनाने से अमरोहा के दलित दहशत में!
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यूपी के अमरोहा जिले के गौतम नगर इलाके में रहने वाले करीब 1500 दलित पिछले कई हफ्तों से खौफ में जी रहे हैं. स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इलाके की दुकानों पर साइन बोर्ड्स में धीरे-धीरे जगह का नाम 'इस्लाम नगर' लिखा जाने लगा है, जबकि आजादी के पहले से ही यह इलाका 'गौतम नगर' के रूप में जाना जाता रहा है.
गौरतलब है कि अमरोहा जिले में करीब 42 फीसदी आबादी मुसलमानों और 21 फीसदी आबादी दलितों की है. जिले की जनसंख्या करीब 12 लाख है. इस इलाके में रहने वाले ज्यादातर दलित छोटे-मोटे काम करते हैं. कुछ मजदूरी करते हैं, कुछ सब्जियां बेचते हैं, तो कुछ मोची आदि का काम करते हैं.
पिछले दो हफ्तों से तनाव
गौतम नगर एक छोटा-सा बाजार है जिसमें करीब 50 दुकानें हैं. इलाके का नाम बदलने को लेकर करीब दो हफ्तों से इस इलाके में तनाव बना हुआ है. करीब 20-25 दुकानों पर लगे साइन बोर्ड में नया पता दिख रहा है-इस्लाम नगर नौगांवां सादात. यही नहीं कुछ दुकानों पर लगे साइनबोर्ड पर जहां 'गौतम नगर' लिखा गया था, उस पर काला पेंट पोत दिया गया है, जिससे साफ पता चलता है कि पता नया लिखा गया है.
गौतम नगर इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति मुरारी ने आजतक के सहयोगी प्रकाशन मेल टुडे को बताया, 'हमने पुलिस को कुछ दिनों पहले इस बारे में लिखित शिकायत दी है, लेकिन इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.' एक अन्य नागरिक 70 वर्षीय पीतम ने बताया, 'मैं तो जन्म से ही यही रह रहा हूं. मेरे तमाम कागजात जैसे आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि सब पर पते के रूप में गौतम नगर ही लिखा हुआ है. हमारे पास अब कोई विकल्प नहीं दिख रहा है कि हम यह इलाका छोड़कर कहीं और चले जाएं.' कुछ लोगों ने नाम बदलने वाले दुकानदारों को समझाने की कोशिश भी की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. स्थानीय निवासी रूपचंद कहते हैं, 'हमने उनसे बात करने की कोशिश की, समझाना चाहा...लेकिन वो उग्र हो गए.'
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. स्थानीय थानाध्यक्ष ने बताया, 'हमें इस बारे में 29 जनवरी को शिकायत मिली है और हम मामले की जांच कर रहे हैं. मामले की जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई या एफआईआर की जाएगी.' जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह ने बताया, 'किसी भी इलाके का नाम इस तरह से नहीं बदला जा सकता. इस बारे में संबंधित अधिकारियों को आधिकारिक प्रस्ताव देना होता है, इसके बाद ही जरूरी बदलाव किए जा सकते हैं.' स्थानीय विधायक और यूपी के खेल मंत्री चेतन चौहान ने कहा, 'मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है. यदि ऐसा कुछ हुआ है तो यह कानून के खिलाफ है. इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'
शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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