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रेप पीडिता को बिजनौर एसपी ने डांट कर भगाया, रोकर रोकर बोली पीडिता क्या नहीं मिलेगा न्याय!

रेप पीडिता को बिजनौर एसपी ने डांट कर भगाया, रोकर रोकर बोली पीडिता क्या नहीं मिलेगा न्याय!
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युसूफ अंसारी

बिजनौर पुलिस अधीक्षक ने आज फिर अपने यौन शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाकर इंसाफ की जंग लड़ रही 'बिजनौर की बेटी' की गुहार सुनने के बजाय उसे डांट फटकार कर भगा दिया। पीड़िता के आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करते ही पुलिस अधीक्षक ने आग बबूला हो गए। उन्होंने पीड़िता और उसके साथ गए पैरोकारों को जमकर खरी खोटी सुनाई और सबको गिरफ्तार कराने की धमकी देते हुए अपने दफ्तर से भगा दिया। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है कि 12 जुलाई को 420, 376, 506 और 120 बी जैसी गंभीर धाराएओं में मुकदमा (FIR No. 0682/2018) लिखे जाने के बावजूद पुलिस ने अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस ने अभी तक आरोपी को बुलाकर पूछताछ तक नहीं की है।

पुलिस अधीक्षक का बार-बार पीड़िता को डराने धमकाने से स्पष्ट है कि वो आरोपी से हमसाज़ हो चुके हैं। पुलिस अधीक्षक से मेरा सीधा सवाल है कि वो न्याय की रक्षा के लिए इस अहम पद पर हैं या आरोपी की रक्षा के लिए..? आखिर वो पीड़िता को बार-बार डांट फटकार कर चुप कराने की कोशिश क्यों कर रहे हैं..? क्या यह पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग नहीं हैं...?
उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों को तत्काल संज्ञान लेकर बिजनौर पुलिस अधीक्षक को निलंबित करना चाहिए। इनके बिजनौर में रहते यौन शोषण पीड़िता की FIR पर निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती और न ही उसे इंसाफ मिल सकता। ऐसे अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए जो प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन को पलीता लगाने में जुटे हैं।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार है

शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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