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आईपीएस अखिलेश चौरसिया ने फिर दिखाई दरियादिली, सिपाही की जान बचाने को दिए 4 लाख रूपये

आईपीएस अखिलेश चौरसिया ने फिर दिखाई दरियादिली, सिपाही की जान बचाने को दिए 4 लाख रूपये
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एसएसपी अखिलेश चौरसिया एक मानवता वादी अधिकारी है. कभी किसी भी गरीब की मदद कर देना किसी बीमार असहाय की मदद कर देना उनका स्वभाव है इसको बदलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है. यह स्वभाव जीवन के पहले पन्ने के साथ शुरू होता है और किताब के आखिरी पन्ने पर बंद होता है.

उत्तर प्रदेश पुलिस एक तरफ जहाँ एनकाउंटर के जरिए सूबे से बदमाशों का सफाया कर रही है, तो दूसरी तरफ मानवता की मिसाल भी पेश कर रही है. कई बार गरीबों, कमजोरों और निरीह लोगों के लिए पुलिस की मदद वरदान साबित हो जाती है. कुछ ऐसा ही उदाहरण यूपी के जनपद एटा में देखने को मिला. जहां एक सिपाही के इलाज के लिए पुलिस महकमा एक हो गया. इस नेक काम का वीणा उठाया युवा आईपीएस अधिकारी अखिलेश चौरसिया ने, जो इस समय जिले के कप्तान है.


एटा पुलिस में तैनात एक सिपाही कपिल कुमार की दोनों किडनी खराब हो चुकी है. उन्हें इलाज के लिए काफी पैसों की जरूरत है. उनका इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में चल रहा है. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से मरीज सिपाही आगे के इलाज के लिए असमर्थ था. ऐसे में उनकी पीड़ा महकमे के मुखिया के सामने आई. इस नेकदिल मुखिया अखिलेश चौरसिया ने अपने सभी साथियों से इस साथी की दिल खोलकर मदद करने की बात की. भला इस नेक कार्य में कौन शामिल नहीं होना चाहेगा.


एटा के एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया के पहल पर पूरे जिले की पुलिस एक हो गई और अपने साथी को बचाने के लिए आगे आई. इस तरह हर पुलिसकर्मी ने अपने एक दिन का वेतन कपिल को देने के लिए हामी भर दी. करीब 4 लाख रुपये एकत्रित हो गए. इसके बाद एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया ने मरीज सिपाही को बुलाकर चेक सौंप दिया. सिपाही कपिल कुमार टेलीफोन ड्यूटी पर तैनात हैं. वह मूलत: गाजियाबाद के रहने वाले हैं. अभी तक के इलाज में उनके 20 लाख रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं. ऐसे में इलाज और परिवार का खर्च एक साथ चलाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है. इस मुश्किल की घड़ी में साथी पुलिसकर्मियों की ये मदद उनके लिए राहत बनकर सामने आई है.

एसएसपी अखिलेश चौरसिया एक मानवता वादी अधिकारी है. कभी किसी भी गरीब की मदद कर देना किसी बीमार असहाय की मदद कर देना उनका स्वभाव है इसको बदलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है. यह स्वभाव जीवन के पहले पन्ने के साथ शुरू होता है और किताब के आखिरी पन्ने पर बंद होता है.



बताते चलें कि आईपीएस अफसर अखिलेश कुमार चौरसिया ने इससे पहले भी इस तरह की मिसाल पेश की है. पिछले साल झांसी में तैनाती के दौरान उन्होंने एक होमगार्ड के बेटे के इलाज के लिए इसी तरह की मदद की थी. होमगार्ड के 18 साल के बेटे की दोनों किडनियां खराब हो गई थीं. उसे पुलिस महकमे की तरफ से 1.5 लाख रुपये की मदद दी गई थी. हालांकि इस तेज तर्रार अधिकारी के कई कारनामे आज तक दिल को छू रहे है. जिसमें आज एक और इजाफा हो गया. पूरे जनपद में एसएसपी के इस कार्य की भूरि भूरि प्रसंशा की जा रही है.

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