Archived

गोरखपुर: डॉ कफील हुए जेल से रिहा, फफक फफक कर रो पड़े बोले अब मेरा भविष्य सिर्फ योगी आदित्यनाथ पर निर्भर

गोरखपुर: डॉ कफील हुए जेल से रिहा, फफक फफक कर रो पड़े बोले अब मेरा भविष्य सिर्फ योगी आदित्यनाथ पर निर्भर
x
, “मैं मानसिक रूप से थक चुका हूं, मुझे भावनात्मक चोट पहुंची है, मैं शारीरिक रूप से बीमार हूं,

बीआरडी मेडिकल कालेज में पिछले साल ऑक्सीजन की कथित कमी की वजह से बच्चों की मौत होने के सिलसिले में कार्रवाई का सामना करने वाले डॉ कफील खां 28 अप्रैल को जेल से बाहर आ गये। जब डॉ कफील खान से उनके आगे के भविष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनका भविष्य अब सिर्फ योगी आदित्य नाथ पर निर्भर है।


बता दें कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉ खान नोडल अधिकारी थे। उनपर 100 बेड वाले चाइल्स वार्ड की जिम्मेदारी थी। अदालत ने बाहर आने के बाद डॉ कफील का हुलिया बदला हुआ था। उन्होंने दाढ़ी बढ़ा रखी थी। अपने परिवार वालों से मिलकर डॉ कफील की आखों से आंसू निकल पड़े।

डॉ कफील खान ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है । पिछले आठ महीने में उनके परिवार ने क्या कुछ सहा है, सबको पता है। उन्होंने कहा, "मुझे पता नहीं कि मेरी गलती क्या है । कोई पिता, कोई डाक्टर और कोई हिन्दुस्तानी क्या ऐसा कर सकता है । कभी नहीं ।"

जब उनसे आगे की योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मेरी भविष्य की योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निर्भर करती है, यदि वह मेरा निलंबन वापस ले लेते हैं तो मैं लोगों की सेवा करने के लिए फिर से अस्पताल ज्वाइन कर लूंगा।" यह पूछे जाने पर कि घटना के लिए दोषी कौन है, खान ने कहा कि वह इसका जिक्र अपने पत्र में कर चुके हैं ।

समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा, "मैं मानसिक रूप से थक चुका हूं, मुझे भावनात्मक चोट पहुंची है, मैं शारीरिक रूप से बीमार हूं, लेकिन मुझे संतोष है कि महीनों बाद मैं वापस आया हूं और परिवार वालों से मिल रहा हूं।" बता दें कि खान ने पत्र में कहा था कि आक्सीजन आपूर्तिकर्ता को भुगतान नहीं हुआ था क्योंकि इसके लिए धन जारी नहीं किया गया था। अगस्त 2017 में 60 से अधिक बच्चों की ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते अस्पताल में मौत हो गयी थी।

बीआरडी मेडिकल कालेज में 10 और 11 अगस्त की रात हुए 60 से अधिक मौत के मामले में गोरखपुर के जिलाधिकारी को जांच सौंपी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित कर एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद महानिदेशक चिकित्सा-शिक्षा डा. केके गुप्ता की तहरीर पर 23 अगस्त को पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। 2 सितंबर 2017 को डॉ कफील को उनके पद से हटा दिया गया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

Next Story