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फादर्स डे:आकाश से ऊँचा होता है पिता,छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान होता हैं पिता ...

फादर्स डे:आकाश से ऊँचा होता है पिता,छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान होता हैं पिता ...
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बच्चे का अपने माता-पिता से सबसे गहरा नाता होता है। मां से भावनाओं का जुड़ाव, तो पिता से समझ का। मां की ममता और करुणाशीलता तो जगजाहिर है, लेकिन कई बार पिता की अनकहे शब्द और जता न पाने की आदत उनके भावों को ठीक तरह से अभिव्यक्त नहीं कर पाती और हम पिता को जरूरत से ज्यादा सख्त और भावनाविहीन मान बैठते हैं।

लेकिन सच तो ये है कि एक मां बच्चे को जितना प्रेम करती है, उतनी ही चिंता पिता को भी होती है। बस फर्क इतना होता है कि मां के प्रेम का पलड़ा भारी होता है और पिता के सुरक्षात्मक रवैये का, जो कई बार बच्चों को कठोर लगने लगता है। मां हमेशा दुलारती है और पिता हमेशा आपको बनाते हैं, आपके व्यक्तित्व को संवारते हैं।

पिता की बेटियों के साथ रिश्ता और मजबूत-
पापा और बेटी का रिश्ता बहुत ही खास और सबसे प्यारा होता है। एक पिता की खुशी का उस दिन कोई ठिकाना नहीं होता जब वह अपनी गुडिया को दुल्हन के रूप में देखता है। पिता अपनी बेटी को आने वाले जीवन के बारे में सीख देते हुए समझाते है कि शादी के बाद तुम्हारे लिए हुए कुछ फैसले ससुराल वालों को हो सकता है कि अच्छे न लगे ऐसे में जिद्द में आकर तुम अपने फैसले पर डटी मत रहना, वहीं करना जो वो कहें। शादी के बाद तुम्हे अपने सास-ससुर को अपने माता-पिता के समान मानना होगा। तुम्हे उन्हें वैसा ही सम्मान देना होगा जैसे हमें देती हो। इससे तुम्हारे सास-ससुर के बीच एक अच्छा रिश्ता बन पाएगा। हर घर के रहने-सहने का तरीका अलग होता है। हो सकता है कि तुम्हें भी शादी के बाद अपने रहने-सहने के तरीके में बदलाव करना पड़े। इन सभी बदलावों को बखूबी अपनाना और नई चीजो को सीखना। कभी भी किसी भी परिस्थिती में हारना नहीं। हो सकता है कि कभी तुम्हारे आगे ऐसा समय आए कि अब तुम और नही सह सकती और अब परिस्थिति तुम्हारे काबू से बाहर है। ऐसे में तुम हार मत मान लेना बल्कि समस्या की जड़ तक पहुंचना और उसका समाधान निकालना। अपने पति को अपने हिसाब से बदलने की कोशिश मत करना क्योंकि पुरूषों को टोका-टोकी अच्छी नहीं लगती।अगर तुम चाहती हो की वो तुम्हे वैसे ही अपनाएं जैसी तुम हो तो तुम्हे भी उसे वैसे ही अपनाना होगा। आज का पिता अपनी बेटी को कहता है कि चाहे हम ऐसे समाज में रहते हैं जहां पर लड़कियों को समझाया जाता है कि शादी के बाद उसका असली घर उसका ससुराल है पर तुम्हारा मायका भी हमेशा तुम्हारा घर रहेगा और इस घर के दरवाजे सदा तुम्हारे लिए खुले रहेंगे। चाहे तुम किसी भी मुश्किल या परेशानी में क्यों न हो मैं हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा क्योंकि तुम चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जाओ तुम हमेशा मेरे लिए नन्ही सी परी ही रहोगी।

पिता हमेशा उस कुम्हार की तरह होता है, जो ऊपर से आपको आकार देता है और पीछे से हाथ लगाकर सुरक्षात्मक सहयोग। अगर पिता के प्रेम को जानना चाहते हैं तो आप कितने भी बड़े क्यों न हो गए हों, एक बार अपने बचपन में लौट आइए और देखिए कि कैसे पिता ने आपको साइकल चलाना सिखाया था, कैसे आपके हर उस सवाल का उन्होंने बड़े ही रोचक ढंग से जवाब दिया था जिन्हें अब सुनकर आप शायद चिढ़ जाते हैं और उनकी बात का जवाब देना जरूरी नहीं समझते। कैसे वे आपके सामने झुककर घोड़ा या हाथी बन जाया करते थे और आपकी मुस्कान से उनकी पीठ का वह दर्द भी गायब हो जाता था, जो आपके वजन के कारण हुआ था, कैसे आपकी हर छोटी से छोटी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वे अपनी जरूरतों से समझौता कर लिया करते थे, आपके होमवर्क और प्रोजेक्ट के लिए कैसे आपके साथ वे भी देर तक जागते और उसे पूरा करवाते थे, कैसे वे आपकी छोटी-सी सफलता को भी जहान की सबसे बड़ी खुशी के रूप में मनाते थे।अभिषेक यादव पिता दिवस पर बेटी आशी और भांजे चीकू के साथ सैर सपाटे के लिए जनपद के समाजवादी सरकार में बने लोहिया पार्क में सिरकत किया। और कुछ खुशी के पल लोगों से शेयर किया।
शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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