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बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या, कैसे बना जुर्म का बादशाह जानिए?

बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या, कैसे बना जुर्म का बादशाह जानिए?
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जुर्म की दुनिया हो या राजनीति के गलियारे सभी जगहों पर बाहुबलियों का असर और दखल रहा है. यहां तक कि सत्ता से जुडे लोग भी इनके प्रभाव से नहीं बच सके. उत्तर प्रदेश और बिहार से कई ऐसे बाहुबली निकले हैं जिनके नाम का सिक्का कई राज्यों में चला. लेकिन इसी बीच एक नाम ऐसा भी था जो बाहुबलियों की ताकत बनकर सामने आया. वह नाम है मुन्ना बजरंगी का.
मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने बीते दिनों उसकी हत्या की आशंका भी जताई थी. वो आशंका आज हकीकत में उस समय तब्दील हो गई जब बागपत जेल में आज कोर्ट पेशी पर आया मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या हो गई. मुन्ना की मौत जेल के अंदर ही हो गई. मुन्ना बजरंगी बागपत में बसपा विधायक पर रंगदारी मांगने के आरोप में कल झाँसी जेल से बागपत पहुंचा था. जहाँ आज उसे कोर्ट में पेश होना था. लेकिन सुबह सुबह उसकी साथी कैदी ने गोली मरकर हत्या कर दी.

यूपी की राजधानी लखनऊ में पिछले दिनों हुए एक गैंगवार में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह की हत्या कर दी गई. बीते शुक्रवार को मुन्ना पुलिस अभिरक्षा के बीच साले की तेरहवीं में भाग लेने के लिए विकासनगर कॉलोनी में पहुंचा था. जब वह पुलिस वैन से बाहर आया तो उसने पिंक कलर की शर्ट पहनी हुई थी.
कौन है मुन्ना बजरंगी
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है. उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था. उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे. मगर प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया. उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी. किशोर अवस्था तक आते आते उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे.
जुर्म की दुनिया में पहला कदम
मुन्ना को हथियार रखने का बड़ा शौक था. वह फिल्मों की तरह एक बड़ा गैंगेस्टर बनना चाहता था. यही वजह थी कि 17 साल की नाबालिग उम्र में ही उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. जौनपुर के सुरेही थाना में उसके खिलाफ मारपीट और अवैध असलहा रखने का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद मुन्ना ने कभी पलटकर नहीं देखा. वह जरायम के दलदल में धंसता चला गया.
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